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राजस्थान के श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का दिल्ली में निधन, मुख्यमंत्री ने जताया शोक

 
 राजस्थान के श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का दिल्ली में निधन, मुख्यमंत्री ने जताया शोक
श्रीगंगानगर, 15 नवंबर । राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में श्रीकरणपुर के विधायक एवं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। वे 75 साल के थे। कुन्नर श्रीकरणपुर से तीन बार विधायक रहे हैं। ग्रामीण राजनीति से राज्य की राजनीति तक पहुंचे कुन्नर गहलोत सरकार में मंत्री भी रहे। मौजूदा विधानसभा चुनाव में श्रीकरणपुर से कांग्रेस प्रत्याशी होने के कारण उनके निधन के बाद अब यहां चुनाव स्थगित किया जाएगा। प्रदेश में अब 25 नवंबर को 200 विधानसभा सीटों की जगह 199 सीटों पर चुनाव होंगे। कुन्नर के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक जताया है।
कुन्नर के इलाज के दौरान उनके बेटे रुपिंद्र सिंह कुन्नर उर्फ रूबी कुन्नर भी दिल्ली में मौजूद थे। कुन्नर के परिजनों ने निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि बुधवार सुबह कुन्नर ने अंतिम सांस ली। कुन्नर पिछले कई दिन से अस्वस्थ थे और दिल्ली में भर्ती थे। उनके निधन की सूचना मिलते ही उनके आवास पर लोग पहुंचना शुरू हो गए हैं। उनके परिजन शव लेकर बुधवार शाम तक कुन्नर के पैतृक गांव 25 बीबी पहुंचेंगे। अंतिम संस्कार गुरुवार को किया जाएगा ।
कुन्नर के निधन पर मुख्यमंत्री गहलोत ने शोक जताते हुए पोस्ट किया कि करणपुर से विधायक एवं पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन की सूचना से मुझे बेहद दुख हुआ है। कुन्नर लंबे समय तक अस्वस्थ होते हुए भी अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए हमेशा प्रयासरत रहते थे। कुन्नर का निधन कांग्रेस एवं राजस्थान की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को हिम्मत देने की कामना करता हूं।
उल्लेखनीय है कि कुन्नर ने राजनीति की शुरुआत ग्राम पंचायत 25 बीबी के सरपंच के रूप में की। वहां से अलग-अलग पदों पर रहते हुए उन्होंने पहली बार वर्ष 1998 में श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में पराजित होने के बाद पार्टी ने वर्ष 2008 में उन्हें टिकट नहीं दिया। इस पर बागी होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजयी भी रहे। इसके बाद गहलोत सरकार में कृषि विपणन राज्यमंत्री भी रहे। वर्ष 2013 में वे चुनाव हारे और वर्ष 2018 में एक बार फिर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।