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जनभागीदारी से सिरसा का विकास-2

केंद्रीय विद्यालय के एक अध्यापक के सुझाव पर बना सिरसा में केंद्रीय विद्यालय-2
 
जनभागीदारी से सिरसा का विकास

अतिरिक्त उपायुक्त श्री तरुण बजाज की अध्यक्षता में अस्थायी भवन ढूंढा गया

जैसे ही केंद्रीय विद्यालय संगठन ने सिरसा के सिविल सेक्टर में केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 आरंभ करने के निर्देश जारी किए। तत्कालीन उपायुक्त श्री पी. राघवेंद्र राव ने अतिरिक्त उपायुक्त श्री तरुण बजाज को भवन की तलाश की जिम्मेदारी सौंपी। श्री तरुण बजाज जो भारत सरकार में राजस्व सचिव के उच्च पद पर तैनात हैं, केंद्रीय विद्यालय से शिक्षित थे तथा वे केंद्रीय विद्यालय के संबंध में पूरी जानकारी रखते थे। उन्होंने सबसे पहले सिरसा के सिविल अस्पताल के नजदीक झूंथरा वाटिका का निर्माण करने वाले श्री भीम झूंथरा से बातचीत की। मगर इस धर्मशाला का निर्माण सिविल अस्पताल में लाए जाने वाले मरीजों की देखभाल करने वालों के लिए किया गया था। इसलिए अन्य स्थान को ढूंढने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सिरसा की डबवाली रोड पर नगर के समाजसेवी श्री द्वारका प्रसाद गोयल द्वारा बनाई गई एक धर्मशाला में केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 खोलने का निर्णय लिया गया। उन दिनों श्री पी. राघवेंद्र राव के अमेरिका दौरे पर जाने के बाद उपायुक्त का कार्यभार श्री तरुण बजाज के पास था। उन्होंने सीधे आदेश करने के स्थान पर श्री द्वारका प्रसाद गोयल के पास जाकर आग्रह करने का निर्णय लिया। लेखक को साथ लेकर श्री तरुण बजाज विष्णुपुरी श्री द्वारका प्रसाद के पास गए तथा उन्हें आग्रह करके केंद्रीय विद्यालय नं. 2 को देने के लिए आरंभ करने के लिए 8 कमरे देने पर सहमत कर लिया। जिसके बाद सितंबर 1994 में केंद्रीय विद्यालय नं. 2 की स्थापना अस्थायी भवन में हो सकी। केंद्रीय विद्यालय के नियमों के अनुसार पांच वर्ष तक के बच्चों को जिनकी आयु 30 सितंबर 1994 को पांच वर्ष की हो गई थी, उन्हें दाखिला दिया गया। इस प्रकार एक अक्टूबर 1994 से यह विद्यालय आरंभ हुआ। 

सिरसा के कंगनपुर रोड पर 9 एकड़ भूमि देने पर सहमत हुए स्व. आत्माराम सहारण

केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 की स्थापना के बाद सवाल यह पैदा होता था कि यह विद्यालय शहर के ऐसे भाग में खोला जाए जो केंद्रीय विद्यालय नंबर एक से कुछ दूरी पर स्थित हो, मगर शहरवासियों की पहुंच में हो। ऐसे में खाजाखेड़ा गांव के पूर्व सरपंच स्व. आत्माराम सहारण से संपर्क किया गया। जिसके बाद उन्होंने खाजाखेड़ा गांव की पंचायत के सदस्यों को राजी करके कंगनपुर रोड पर स्थित 9 एकड़ भूमि केंद्रीय विद्यालय 2 को देने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की। जिसके बाद इस केंद्रीय विद्यालय नं. 2 के भवन का निर्माण आरंभ हुआ तथा लगभग 2004 में यह भव्य भवन बनकर तैयार हुआ। आज हरियाणा का सिरसा उन गिने चुने जिलों में शामिल है जहां दो केंद्रीय विद्यालय स्थापित हैं और यह सब सिरसा की सांसद व तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री कुमारी सैलजा की बदौलत से हो सका।