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जनभागीदारी से सिरसा का विकास-12

नागरिक परिषद सिरसा द्वारा लगाई गई शहीद मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा
 
  जनभागीदारी से सिरसा का विकास-12

देश की आजादी के महान शहीद मदन लाल ढींगड़ा जो वर्षों तक गुमनामी का शिकार रहे का शताब्दी समारोह सिरसा में मनाने के लिए नागरिक परिषद सिरसा द्वारा मई 2008 में प्रयास आरंभ किए गए। कितनी विचित्र बात है कि जिस महान शहीद मदन लाल ढींगड़ा ने मात्र 22 साल की आयु में लंदन में जाकर कर्जन वाईली की हत्या  की थी, वह इस तरह उपेक्षित रहे। मदन लाल ढींगड़ा ने कर्जन वाईली की हत्या इसलिए की थी क्योंकि उसने भारत में रहते हुए भारतीयों पर घोर अत्याचार किए थे। शहीद मदन लाल ढींगड़ा का जन्म 1887 में अमृतसर में राय साहब दित्तामल के यहां हुआ था, जो अंग्रेजों के प्रशंसक थे तथा उस समय वे मुख्य चिकित्सा अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। उनके पिता ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए लंदन भेज दिया।  प्रारंभ में शहीद मदन लाल ढींगड़ा एंगलो इंडियन एसोसिएशन के सदस्य बने, उनकी लंदन के एक रेस्टोरेंट में क्रांतिकारी वीर सावरकर से भेंट हुई, जिसके बाद वे देश की आजादी के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वालों में शामिल हो गए।

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    कर्जन वाइली ब्रिटिश कैबिनेट में भारत मंत्री लार्ड मोर्ले के एडीसी थे। कर्जन वाइली क्रांतिकारियों पर घोर अत्याचार कर रहे थे। इन अत्याचारों का समाचार क्रांतिकारियों के माध्यम से मदन लाल ढींगरा तक पहुुंचा तो उनके मन में वाईली के प्रति घृणा एवं आक्रोश पैदा हुआ और उन्होंने कर्जन वाईली की हत्या करने का निश्चय किया और गोली चलाने का अभ्यास शुरू किया।  एक दिन कर्जन वाईली एक क्लब में इंडिया डे मना रहे थे। मदन लाल उस कार्यक्रम में पहुंचे और उन्होंने कर्जन वाईली को अपनी गोलियों का निशाना बनाया। 
    कर्जन वाईली की हत्या के आरोप में उन पर 23 जुलाई 1909 में अभियोग चलाया गया तथा मात्र 25 दिन की सुनवाई के बाद उन्हें 17 अगस्त 1909 को फांसी पर चढ़ा दिया गया। ऐसे शहीद का सिरसा में स्मारक बनाने के लिए वर्ष 2008 में प्रयास आरंभ किए गए। मगर नियति में शायद वर्ष 2008 में सिरसा में स्मारक स्थापित करना नहीं लिखा था, इसलिए सिरसावासियों को लगभग आठ वर्ष तक इंतजार करना पड़ा व आखिर 17 अगस्त 2016 को सिरसा की हिसार रोड पर शहीद मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा का अनावरण किया गया। शहीद मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा का अनावरण हरियाणा के मुख्यमंत्री के तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार श्री जगदीश चोपड़ा ने किया। स्मरण रहे कि 14 जून 2008 को श्री जगदीश चोपड़ा के नेत़ृत्व में शहीद मदन लाल ढींगड़ा स्मारक समिति का गठन श्री जगदीश चोपड़ा की अध्यक्षता में किया गया था जिसमें श्री जगदीश चोपड़ा को अध्यक्ष, श्री सुरेंद्र भाटिया को सचिव एवं 19 अन्य सदस्य बनाए गए जिनमें सर्वश्री एलडी मेहता, डॉ. वेद बैनीवाल, पूर्व सांसद हेतराम, पूर्व आईजी पुलिस सीआर कसवां, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश मेहता, दिशा के प्रधान श्री चंद्रशेखर मेहता, भारत विकास परिषद के समन्यवक श्री रमेश गोयल, सिरसा के पत्रकार श्री अरुण मेहता, समाजसेवी श्री हरबंस नारंग, व्यापार मंडल के सचिव केदार पाहवा, सिरसा क्लब के सचिव श्री अनिल डूमरा, केनरा बैंक के वरिष्ठ मैनेजर श्री श्याम बजाज, आढ़ती एसोसिएशन के पूर्व सचिव श्री राजकरण भाटिया, श्री कृष्ण मानव कल्याण समिति के श्री राजेंद्र बजाज, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रविंद्र मोंगा, प्रसिद्ध उद्योगपति श्री अश्वनी बठला, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री केके रेलन, दिशा की निदेशिका श्रीमती गीता कथूरिया व समाजसेविका श्रीमती वीना मेहता को सदस्य बनाया गया।
    श्री मदन लाल ढींगड़ा की प्रतिमा स्थापित करने की जिम्मेदारी नागरिक परिषद के सचिव श्री सुरेंद्र भाटिया ने उठाई। सिरसा जिला के गांव झोरडऩाली के कलाकार श्री दया राम से संपर्क किया। उन्होंने श्री मदन लाल ढींगड़ा की आदमकद प्रतिमा लगभग एक लाख रुपए में बनाने में सहमति व्यक्त की तथा उन्होंने ही 15 अगस्त 2016 तक यह आदमकद प्रतिमा सिरसा के दिल्ली पुल पर बने मंच पर स्थापित की। नागरिक परिषद सिरसा व सिरसा के नागरिकों द्वारा श्री सुरेंद्र भाटिया का यह प्रतिमा स्थापित करने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद किया व श्री जगदीश चोपड़ा व अन्य नागरिकों ने शॉल भेंट करके सम्मानित किया।