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जनभागीदारी से सिरसा का विकास-11

 जब सिरसा जिला प्रशासन जून 2016 में थेहड़ को उजाडऩे लगा तो नागरिक परिषद ने उच्च न्न्यायालय से दिलाई राहत
 
जनभागीदारी से सिरसा का विकास-11

जून 2016 का महीना सिरसा के लोगों विशेषकर थेहड़ मोहल्ले के लगभग 2200 परिवारों के लिए बहुत संकट से भरा हुआ था, जब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा यह निर्देश जारी किए गए थे कि सिरसा के थेहड़ को तुरंत खाली करवाया जाए तथा थेहड़ की भूमि को पुरातत्व विभाग को सौंपा जाए। न केवल सिरसा के लोग डरे हुए थे बल्कि उस समय का जिला प्रशासन भी पंजाब एवं हरियाणा उच्च  न्यायालय के निर्देशों के बाद भयभीत था, जिसके बाद वह हरकत में आया व थेड़ को खाली करवाने के लिए अद्र्ध सैनिक बलों को तैनात कर दिया गया। नागरिक परिषद सिरसा द्वारा इस संकट की घड़ी में राहत देने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। नागरिक परिषद सिरसा के अध्यक्ष उस समय हरियाणा के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के पद पर तैनात थे, ऐसे में नागरिक परिषद सिरसा की एक बैठक परिषद के सचिव एवं लेखक सुरेंद्र भाटिया की अध्यक्षता में हुई जिसमें एक याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान नागरिक परिषद के सचिव सुरेंद्र भाटिया व सदस्य श्री जसबीर सिंह जस्सा जो इनेलो के वरिष्ठ नेता थे, ने चंडीगढ़ जाकर परिषद के अध्यक्ष श्री जगदीश चोपड़ा के साथ विचार विमर्श करके एक याचिका दायर करने का निर्णय लिया जिसमें सिरसा से संबंधित पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश सेठी व एक अन्य अधिवक्ता श्री संजीव गुप्ता से संपर्क करके पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया। 

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नागरिक परिषद सिरसा द्वारा शहर के 13 लोगों की ओर से परिषद के सचिव सुरेंद्र भाटिया ने भारत सरकार के खिलाफ 9 जून को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका नंबर सीडब्ल्यूपी 12483 दायर की थी। कोर्ट ने उस याचिका को स्वीकार कर लिया था जिस पर 14 जून 2016 को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत सरकार, हरियाणा सरकार, पुरातत्व विभाग, डीसी सिरसा सहित एक दर्जन विभागों को समन जारी किए हैं और अब इस मामले की आगामी सुनवाई के लिए 17 जून की तिथि तय की है। कोर्ट ने 17 जून तक पूरे थेहड़ पर ही स्थगन आदेश दिया है क्योंकि उक्त जनहित याचिका किसी एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में न होकर पूरे थेहड़ के पक्ष में है। नागरिक परिषद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव गुप्ता ने हाईकोर्ट में पैरवी की। जिन 13 लोगों की ओर से परिषद के सचिव सुरेंद्र भाटिया ने याचिका दी है, उनमें  एलडी मेहता, डॉ. आरएस सांगवान, रमेश मेहता एडवोकेट, पवन बिश्रोई एडवोकेट, भूपेंद्र पन्नीवालिया, सुरेंद्र मिचनाबादी, डॉ. सुदीप मुंजाल, अमीर चावला, हीरालाल शर्मा, आरसी कसवां, रविंद्र मोंगा, तुलसीदास खेतरपाल शामिल है। जनहित याचिका में कहा गया है कि एक तरफ सरकार थेहड़ का सर्वे करा रही है, जबकि दूसरी ओर प्रशासन द्वारा थेहड़ खाली करने के लिए नोटिस दिए गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर थेहड़ के लोग क्या करे। याचिका में मांग की गई है कि जब तक सर्वे की रिपोर्ट नहीं आ जाती और सरकार कोई पुनर्वास की योजना नहीं बना लेती, तब तक थेहड़ के लोगों को न उजाड़ा जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि जो लोग याचिका दायर कर रहे हैं, उनकी थेहड़ पर कोई जमीन या मकान नहीं है, इसलिए याचिका मेेंं पूरे थेहड़ के लोगों के मसले को शामिल किया जाए। अब कोर्ट ने समन जारी करते हुए देश-प्रदेश की सरकारों व संबंधित विभागों के अधिकारियों से 17 जून को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। इस याचिका से थेहड़ पर रहने वाले लोगों के लिए हाईकोर्ट से एक राहतभरी खबर आई है। हाईकोर्ट की एक डबल बेंच ने आज थेहड़ मामले में नागरिक परिषद सिरसा द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 जून तक पूरे थेहड़ पर ही स्थगन आदेश जारी कर दिए हैं। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बाद में इस याचिका को सीपीडब्लयू नंबर 12355 व 12356 के साथ समायोजित करके इस मामले की सुनवाई जारी रखी। सरकार द्वारा बाद में इस थेहड़ पर बसे लोगों को वहां से हटाने का निर्णय लिया मगर नागरिक परिषद सहित अन्य याचिकाओं के कारण थेहड़ वासियों को सिरसा के सेक्टर-19 के हाउसिंग बोर्ड के क्वार्टरों में अस्थाई स्थान दिया गया।