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विश्व विख्यात चोटीवाला रेस्टोरेंट संचालक शैलेश पंचतत्व में विलीन

उनकी आखों से दो जिंदगियां होंगी रोशन 
 
विश्व विख्यात चोटीवाला रेस्टोरेंट संचालक शैलेश पंचतत्व में विलीन 
ऋषिकेश, 19 फरवरी। विश्व विख्यात चोटीवाला रेस्टोरेंट के संचालक शैलेश अग्रवाल के आकस्मिक निधन बाद रविवार को उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। शैलेश का अचानक शनिवार की शाम को आकस्मिक निधन हो गया था। उनके परिजनों ने अंतिम संस्कार से पूर्व शैलेश का नेत्रदान करा दिया था

विश्व विख्यात चोटीवाला होटल के मालिक और प्रतिष्ठित व्यापारी शैलेश अग्रवाल अब इस दुनिया में नहीं रहे ,लेकिन उनके परिजनों ने शैलेश के कराए गए नेत्रदान से दो नेत्रहीनों की जिंदगी में उजाला अवश्य आएगा। स्वर्गीय अग्रवाल जाते-जाते भी समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बन गए हैं।

नेत्रदान कार्यकर्ता और लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने बताया कि गत दिवस शैलेश अग्रवाल का हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया था। दुख की घड़ी में भी उनके पुत्र शलभ अग्रवाल ने अपने स्वर्गीय पिता के नेत्रदान कराने का विचार कर अपनी माता सीमा से स्वीकृति मांगी। मांं सीमा से इस महान कार्य को करने के लिए बिना हिचक सहमति मिलने पर उन्होंने अपने मामा नरेश अग्रवाल को इस कार्य को संपन्न कराने के लिए आग्रह किया।

नरेश ने समाजसेवी नारंग को परिवार की इस इच्छा से अवगत कराया। नारंग तुरंत एम्स चिकित्सालय की नेत्रदान टीम के साथ उनके निवास पर पहुंचे, जहां टीम ने स्व. शैलेश की दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए। टीम के अनुसार दोनों कार्निया स्वस्थ हैं, जिन्हें आवश्यक जांच के बाद दो नेत्रहीनों की आंखों में प्रत्यारोपित कर दिया जाएगा।

शोक प्रकट करने पहुंचे चन्द्रवीर पोखरियाल, मनोज राजपूत, वचन पोखरियाल , प्रदीप राणा, राजीव ग्रोवर, मोनू जस्सल, पवन सिंह,बिन्दीया भाटिया, महिपाल चोहान, संदीप ने नेत्रदान के लिए साधुवाद प्रेषित किया। नेत्रदान महादान हरिद्वार ऋषिकेश प्रमुख रामशरण चावला के अनुसार नेत्र दान को समर्पित टीम का 264वां सफल प्रयास है जो अविरल चलता रहेगा।