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एलएसी पर चीन की कारगुजारियों का जवाब देने की तैयारी

 
एलएसी पर चीन की कारगुजारियों का जवाब देने की तैयारी

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीन की कारगुजारियों का करारा जवाब देने के लिए भारत ने सीमावर्ती गांव को टूरिस्ट हब बनाने के लिए मोदी सरकार ने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की शुरुआत की है। 10 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबुती में इस प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस दौरान शाह ने कहा कि कोई भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल नहीं उठा सकता है। कोई हमारी 1 इंच जमीन भी नहीं ले सकता है। अब वह जमाना चला गया जब कोई भी भारत की जमीन पर कब्जा कर सकता था। इस कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खंडू ने कहा कि हम यहां के लोगों को राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, कार और बाइक रिले, मछली पकडऩे और एडवेंचर स्पोर्ट्स में कई युवाओं को ट्रेंड किया है। सड़कों का विकास तेजी से हो रहा है। पीएमओ खुद इन गांव में काम की निगरानी कर रहा है। सिविल मिलिट्री साझेदारी के तहत सीमावर्ती गांव का ये कायाकल्प चीन के कथित मॉडल विलेज प्रोग्राम को धूल चटाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ना सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सीमावर्ती गांवों को पलायन को रोकने में भी कामयाबी मिलेगी। तमाम चीजें ऐसे वक्त में हो रही है जब चीन लगातार पूर्वोत्तर के राज्य को अपना बताने की साजिश कर रहा है। इन सीमावर्ती गांवों को होमस्टे ट्रैकिंग, कैंपिंग साइट एडवेंचर, स्पोर्ट्स और अध्यात्मिक को डिवेलप करने पर जोर दिया जा रहा है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम उत्तरी सीमा के गांवों के आर्थिक और ढांचागत विकास के लिए वित्त वर्ष 2022 के केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है। इस योजना में सिक्किम, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों को शामिल किया गया है। वीवीपी ने इन गांवों में रहने वाले निवासियों के जीवन स्तर को उन्नत करने की कल्पना की। इस योजना का लक्ष्य कुल 2,963 गांवों को कवर करना है, और 663 को पहले ही कवर किया जा चुका है। वीवीपी की शुरुआत अमित शाह ने किबिथू गांव में ढांचागत विकास को गति देने के लिए की थी। सरहदी गांव होने के कारण सरकार इस क्षेत्र में कार्यक्रम शुरू करने पर आमादा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने योजना के लिए 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन पारित किया।