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पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने उठाया माओवादी योद्धाओं के कैंप में भ्रष्टाचार का सवाल

 
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने उठाया माओवादी योद्धाओं के कैंप में भ्रष्टाचार का सवाल

काठमांडू, 11 मई। पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन (यूएमएल) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने माओवादी योद्धाओं के कैंप में भ्रष्टाचार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेपाल का भ्रष्टाचार से संबंधित जांच निकाय माओवादी योद्धाओं के कैंप की भ्रष्टाचार फ़ाइल खोलने में डर गया है।

यूएमएल की केंद्रीय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए गुरुवार को उन्होंने दावा किया कि जांच निकाय ने माओवादी योद्धा के कैंप मामले की फाइल रोक रखी है, जबकि अरबों के गबन की जांच होनी चाहिए।नेपाल में फर्जी भूटानी शरणार्थियों के मामले में यूएमएल नेताओं के शामिल होने का खुलासा होने के बाद ओली की यह आक्रामक प्रतिक्रिया सामने आई है।

माओवादी योद्धाओं के शिविर के भ्रष्टाचार के संबंध में जांच निकाय के पास शिकायत दर्ज की गई है। इस मामले में माओवादी पार्टी के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री प्रचंड पर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।नेपाल में शांति प्रक्रिया के दौरान माओवादी योद्धाओं के समायोजन के दौरान सरकार ने 15 अरब रुपये खर्च किये हैं। माओवादी नेतृत्व ने भ्रष्टाचार की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दरअसल, 2012 में दस साल के सशस्त्र संघर्ष में शामिल माओवादी लड़ाकों ने सरकारी शिविर को छोड़ दिया था। उन्हें नेपाल सरकार ने उनके रैंक के आधार पर पैकेज राशि देकर रिहा कर दिया था।