आईपीएस यौन शोषण केस में महिला आयोग ने दाे दिन में मांगी रिपाेर्ट
एडीजीपी की एसआईटी से दो दिन में रिपोर्ट तलब
Nov 10, 2024, 20:06 IST
फरीदाबाद, 10 नवंबर आईपीएस अफसर सुमित कुमार पर लगे यौन शोषण के मामले में महिला आयोग ने जांच के लिए बनाई एसआईटी से 2 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है। आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया ने बताया कि आयोग की तरफ से जो जांच की जा रही है, उसमें एसआईटी की जांच को भी शामिल किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि आयोग के सामने दर्ज किए गए बयानों और एसआईटी की जांच में क्या समानता है। उसी के आधार पर आगे की जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यूट्यूबर सुनील कुमार की गिरफ्तारी के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गई है, एसआईटी से उसकी भी रिपोर्ट मांगी गई है। अभी तक दाल में कुछ काला है, क्योंकि पूरा मामला महिलाओं के सम्मान का है।
यह मामला महिला पुलिस से जुड़ा है। यह देखना है कि अभी तक एसआईटी ने क्या काम किया, क्या उनकी रिपोर्ट और महिला आयोग की रिपोर्ट सेम है या फिर अलग है। इन दोनों रिपोर्ट की जांच इसलिए करनी है, क्योंकि सुमित कुमार और उनके साथी ऑफिसर कह रहे हैं कि एक ही व्यक्ति को टारगेट किया है या फिर ममता सिंह ने जो जांच कर चीज निकाली है वह सही है, क्योंकि एसआईटी की टीम अभी तक यूट्यूबर सुनील कुमार को नहीं पकड़ पाई है। इससे पहले एसपी आस्था मोदी ने भी उन्हें नहीं पकड़ा था।
एसआईटी ने अभी तक क्या काम किया है और किस नतीजे तक पहुंचे हैं, यह देखना है। गौरतलब है कि गुरुवार (7 नवंबर) को फरीदाबाद स्थित महिला आयोग के ऑफिस में जींद में तैनात 7 महिला पुलिसकर्मी पहुंची। इन महिलाओं ने आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे। हालांकि वह महिला पुलिसकर्मी पूछताछ में शामिल नहीं हुईं, जो मुख्य शिकायकर्ता हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा था कि आज जो महिला पुलिसकर्मी पूछताछ के लिए आईं, उनकी भी एनुअल कॉन्फिडेंशिल रिपोर्ट खराब थी। इसलिए, शक था कि असली शिकायतकर्ता यही हो सकती हैं। इसी कारण इन्हें तलब किया गया था। वायरल हुए लेटर में कुल 7 नाम थे। जांच के दौरान आयोग ने पाया कि इन नामों से मिलते जुलते नामों की 19 महिला कर्मी उस दौरान जींद जिले में कार्यरत थीं। आयोग इन सभी महिला कर्मियों से बातचीत करेगा। हालांकि, अभी तक 7 महिलाओं से ही आयोग की बातचीत हुई है।
यह मामला महिला पुलिस से जुड़ा है। यह देखना है कि अभी तक एसआईटी ने क्या काम किया, क्या उनकी रिपोर्ट और महिला आयोग की रिपोर्ट सेम है या फिर अलग है। इन दोनों रिपोर्ट की जांच इसलिए करनी है, क्योंकि सुमित कुमार और उनके साथी ऑफिसर कह रहे हैं कि एक ही व्यक्ति को टारगेट किया है या फिर ममता सिंह ने जो जांच कर चीज निकाली है वह सही है, क्योंकि एसआईटी की टीम अभी तक यूट्यूबर सुनील कुमार को नहीं पकड़ पाई है। इससे पहले एसपी आस्था मोदी ने भी उन्हें नहीं पकड़ा था।
एसआईटी ने अभी तक क्या काम किया है और किस नतीजे तक पहुंचे हैं, यह देखना है। गौरतलब है कि गुरुवार (7 नवंबर) को फरीदाबाद स्थित महिला आयोग के ऑफिस में जींद में तैनात 7 महिला पुलिसकर्मी पहुंची। इन महिलाओं ने आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे। हालांकि वह महिला पुलिसकर्मी पूछताछ में शामिल नहीं हुईं, जो मुख्य शिकायकर्ता हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा था कि आज जो महिला पुलिसकर्मी पूछताछ के लिए आईं, उनकी भी एनुअल कॉन्फिडेंशिल रिपोर्ट खराब थी। इसलिए, शक था कि असली शिकायतकर्ता यही हो सकती हैं। इसी कारण इन्हें तलब किया गया था। वायरल हुए लेटर में कुल 7 नाम थे। जांच के दौरान आयोग ने पाया कि इन नामों से मिलते जुलते नामों की 19 महिला कर्मी उस दौरान जींद जिले में कार्यरत थीं। आयोग इन सभी महिला कर्मियों से बातचीत करेगा। हालांकि, अभी तक 7 महिलाओं से ही आयोग की बातचीत हुई है।