हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन करे देंगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती: दुष्यंत चौटाला
Nov 18, 2023, 19:46 IST
चंडीगढ़, 18 नवंबर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का कानून रद्द किए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने ऐलान किया है कि हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जल्द ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने की घोषणा जननायक जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में की थी। इस कानून को पूरी तरह से जेजेपी की योजना माना जा रहा है। हाई कोर्ट के फैसले पर शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 75 प्रतिशत रोजगार आरक्षण कानून प्रदेश और उद्योगों के हित में है। रोजगार कानून से उद्योगपतियों का एक बड़ा हिस्सा सहमत है।
उन्होंने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। सरकार पहले भी सुप्रीम कोर्ट तक जा चुकी है। अब दोबारा इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक साल बाद रोजगार कानून पर हाई कोर्ट ने दो ऑब्जेक्शन उठाए हैं। जिसका अध्ययन किया जा रहा है। इसके पीछे सरकार का इरादा स्थानीय युवाओं को रोजगार देना और उद्योगों को स्किल्ड युवा देना है।
चौटाला ने कहा कि प्रदेश के हित में उद्योगपतियों व सरकार को मिलकर काम करना होगा। उद्योगों में लोकल युवाओं के रोजगार होने से रहने और आने-जाने जैसी समस्याओं का समाधान होगा। इससे उद्योगों के विकास में भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार के प्रयासों से प्रदेश में नए बड़े उद्योग प्रदेश में विकसित हो रहे हैं। बहुत जल्द इस कानून का विकल्प तलाश लिया जाएगा। प्रदेश के युवाओं को उनका अधिकार मिलकर रहेगा।
हरियाणा के युवाओं को प्राइवेट नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने की घोषणा जननायक जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में की थी। इस कानून को पूरी तरह से जेजेपी की योजना माना जा रहा है। हाई कोर्ट के फैसले पर शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 75 प्रतिशत रोजगार आरक्षण कानून प्रदेश और उद्योगों के हित में है। रोजगार कानून से उद्योगपतियों का एक बड़ा हिस्सा सहमत है।
उन्होंने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है। सरकार पहले भी सुप्रीम कोर्ट तक जा चुकी है। अब दोबारा इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक साल बाद रोजगार कानून पर हाई कोर्ट ने दो ऑब्जेक्शन उठाए हैं। जिसका अध्ययन किया जा रहा है। इसके पीछे सरकार का इरादा स्थानीय युवाओं को रोजगार देना और उद्योगों को स्किल्ड युवा देना है।
चौटाला ने कहा कि प्रदेश के हित में उद्योगपतियों व सरकार को मिलकर काम करना होगा। उद्योगों में लोकल युवाओं के रोजगार होने से रहने और आने-जाने जैसी समस्याओं का समाधान होगा। इससे उद्योगों के विकास में भी बढ़ावा मिलेगा। सरकार के प्रयासों से प्रदेश में नए बड़े उद्योग प्रदेश में विकसित हो रहे हैं। बहुत जल्द इस कानून का विकल्प तलाश लिया जाएगा। प्रदेश के युवाओं को उनका अधिकार मिलकर रहेगा।