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अच्छा चलता हूं, दुआओं में याद रखना

अलविदा कहूं क्या हरियाणा दूरदर्शन ? 
 
अच्छा चलता हूं, दुआओं में याद रखना​​​​​​​ 

-कमलेश भारतीय 

आज आखिरी दिन होगा हरियाणा दूरदर्शन केंद्र का हिसार में या कहिये हरियाणा में ! मुझे ऐसे लगता है जैसे मेरा कोई मित्र मुझसे बिछुड़ने जा रहा है । वे दिन भी याद हैं जब इसके अधूरे निर्माण कार्य को तेज करने के लिये रिपोर्ट्स लिखी थीं और वह दिन भी याद है जब हरियाणा की बेटी सुषमा स्वराज तत्कालीन सूचना व प्रसारण मंत्री होने के नाते इसका भव्य उद्घाटन करने आई थीं । तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी साथ थे । सबसे पहले डायरेक्टर एस एस रहमान से मेरी मित्रता हो गयी जो आज तक बनी हुई है चाहे वे सेवानिवृत्त होकर अजमेर लौट चुके है । इनके बाद जालंधर से आये संतोष मिश्रा से भी काफी निकटता रही जो प्रसिद्ध कलाकार सुगंधा मिश्रा के पापा हैं । उनके यहां रहते एक बार सुगंधा भी यहां आई थी । फिर डायरेक्टर आते गये और प्रोड्यूसर यहां से ट्रांस्फर होते गये । इस तरह एक एक कमरा देखते देखते खाली होता गया । अनेक कार्यक्रम इसके स्टुडियो में किये लेकिन आज जब इसके खाली स्टुडियो को देखा तो लगा जैसे इस दूरदर्शन केंद्र की आत्मा ही चंडीगढ़ चली गयी हो । खाली स्टुडियो को देखकर मन उदास हो गया जैसे किसी अपने से बिछुड़ने का समय आ गया हो । 

मेरा इस दूरदर्शन केंद्र से नाता साढ़े तीन वर्ष बेटी रश्मि के कारण भी बहुत गहरा रहा । वह यहां समाचार विभाग में कार्यरत रही तो एक बार उसे छोड़ने और शाम को लेने जाता तो समाचार निदेशक अजीत सिंह से भी मुलाकात होती । वे बहुत ही मनोयोग से हरियाणा के समाचार बनाते और ऐसे लगता कि कोई तपस्या कर रहे हों , इसे सुचारू रूप से चलाने की । रहमान भी इसके कार्यक्रमों के बारे में सोचते रहते कि क्या नया शुरू किया जाये ! मेरे जैसे कथाकार से उनकी प्रोड्यूसर पत्नी कमलेश रहमान ने पल्स पोलियो पर गीत लिखवा लिया जिसे ईशा खन्ना की सुरीली आवाज में पल्स पोलियो अभियान पर हर बार प्रदर्शित किया जाता ! ईशा खन्ना जैसे अनेक कलाकारों को दूरदर्शन के माध्यम से एक मंच मिला जो आज छिन जायेगा । यही नहीं यहां दरियां सिंह मलिक और अनूप लाठर जैसे हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित कर पाया । 

किसानों को उनकी समस्याओं का हल हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक सुझाते और यह कार्यक्रम भी बहुत लोकप्रिय रहा । अनेक परिचर्चायें, अनेक साहित्यिक गोष्ठियों का आयोजन । नववर्ष पर काव्य गोष्ठी । कितना कुछ । आज स्टुडियो खाली है । कोई नहीं आयेगा । विष्णु प्रभाकर पर दस्तावेजी फिल्म बना रहे रजत शर्मा के साथ कितने इन लगाये ! पर संतोष यह था कि अच्छी चीज बन रही है । चौ रणबीर हुड्डा की दस्तावेजी फिल्म के लिये दूरदर्शन की टीम के साथ रोहतक भी गया । आज मेकअप रूम भी उदास है । कोई अतिथि अब नहीं आयेगा ।

दूरदर्शन से जैसे मेरी मित्रता हो गयी थी । बीस साल पुराने मित्र को जब 29 दिसम्बर को चंडीगढ़ शिफ्ट किये जाने के आदेश आये तब एक बार आंखों में आंसू आ गये । क्या अनुराग ठाकुर जैसे युवा मंत्री से यही उम्मीद है ? नहीं । चार दिसम्बर को वे ओम स्टर्लिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी में आये थे और उनसे सबसे पहले मैंने ही दूरदर्शन केंद्र के भविष्य को लेकर सवाल पूछा था और जवाब मिला कि विजिट करने जा रहा हूं और दीक्षांत समारोह के बाद गये भी लेकिन विजिट का यह परिणाम सोचा न था कि दिसम्बर के अंत में इसे शिफ्ट करने के आदेश भिजवा दिये । ओह ! हरियाणा दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों के फोन आने लगे । ऐसे लगा कि मेरा दोस्त हिसार दूरदर्शन आईसीयू में चला गया ।

दूरदर्शन बचाओ संघर्ष समिति आनन फानन में गठित की गयी और दूरदर्शन के मुख्य द्वार पर धरना शुरू हुआ । धरने को समर्थन देने अनेक संगठनों के प्रतिनिधि आगे आये । मशाल जूलर्स भी निकाला । जैसे अस्पताल में दाखिल दूरदर्शन को बचाने सभी प्रयास किये गये । इसकी न्यूज रीडर रहीं कामिनी मलिक और मंजू सिंधु लगातार कंधे से कंधा मिलाकर चलीं ।  शक्ति शर्मा , दीक्षा पंवार , साक्षी रोहिल्ला , ऋतु कौशिक, नरेंद्र कौशिक , सुनीता, बलराम आदि प्रतिदिन धरने पर बैठे रहे ।

राजरानी मल्हाण और दलबीर किरमारा,  कुमार मुकेश, समीक्षा जैन, सुरेंद्र मान , नूर मुहम्मद, प्रगति, आर एस सिंधु  कितने लोगों के सहयोग को याद करूं ? आप पार्टी की ओर से अनुराग ढांडा व प्रभाकर गौड़ तक धरने में शामिल होने आये । अनिल मान व रामनिवास राड़ा ने भी सहयोग दिया तो नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , दीपेंद्र हुड्डा, अभय चौटाला ने भी आवाज उठाई ।

जहां तक कि मुख्यमंत्री तक आवाज पहुंचाने के लिए हिसार के विधायक व स्थानीय निकाय मंत्री डाॅ कमल गुप्ता , डिप्टी स्पीकर   डाॅ कमल गुप्ता से तो प्रतिनिधिमंडल मिला और दूरदर्शन केंद्र को यहां से शिफ्ट न किये जाने की गुहार लगाई । फिर गृहमंत्री अनिल विज तक भी प्रतिनिधिमंडल मेयर गौतम सरदाना के सहयोग से मिला व ज्ञापन सौंपा । यही नहीं मुख्यमंत्री तक भी दूरदर्शन के ही संवाददाता ने ज्ञापन दिया । आज तक क्या कोशिश की गयी और क्या परिणाम रहा ? कुछ पता नहीं, कोई सूचना नहीं । प्रतिनिधिमंडल सूचना की बाट देख रहा है । क्या मेरे दोस्त दूरदर्शन का आज आखिरी दिन होगा ? क्या इसे यहां से शिफ्ट होते हम देखते रह जायेंगे ? क्या हमारा संघर्ष, हमारे प्रयास बेकार जाएंगे ? इतना जरूर है यदि आज इसको ऐसे ही जाने दिया तो आने वाले समय में यह बहुत बड़ा सवाल हिसार के राजनेताओं के लिये बन जायेगा जिसका जवाब मुश्किल होगा क्योंकि जाने वाले कभी लौटकर नहीं आते । गाने की तरह कह जरूर सकता हूं : 

ओ जाने वाले 

हो सके तो लौट के आना ! 

और यह भी कि 

अच्छा चलता हूं 

दुआओं में याद रखना ! 

अलविदा दूरदर्शन केंद्र हिसार ! अब तुम हमारी यादों में रहोगे ! 

(पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी।)