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स्वैच्छिक ग्रांट बांटने के मामला में पूर्व मंत्री बबली के खिलाफ विजीलेंस जांच शुरू

 
 स्वैच्छिक ग्रांट बांटने के मामला में पूर्व मंत्री बबली के खिलाफ विजीलेंस जांच शुरू
फतेहाबाद, 26 अप्रैल  राज्य के पूर्व पंचायत एवं विकास मंत्री व टोहाना से जननायक जनता पार्टी (जजपा) विधायक देवेंद्र बबली के स्वैच्छिक ग्रांट बांटने की प्रदेश सरकार ने विजिलेंस जांच करवाने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार के पंचायत एवं विकास विभाग के सचिव ने फतेहाबाद के उपायुक्त को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने और रिपोर्ट जल्द सौंपने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में टोहाना के एसडीएम प्रतीक हुड्डा ने जांच शुरू कर दी है।
पंचायत विभाग ने विजिलेंस विभाग के पत्र का हवाला देते हुए फतेहाबाद डीसी राहुल नरवाल को पत्र लिखकर जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा है। डीसी बताएंगे कि मंत्री की ओर से वितरित की गई स्वैच्छिक कोटे की ग्रांट की देने में कोई गड़बड़ी हुई है या नहीं।
दरअसल, जजपा विधायक बबली को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का करीबी माना जाता था और गत दिवस ही उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट डालकर जजपा छोडऩे के संदेश दिए थे। उन्होंने लिखा था कि ‘जो तुझसे लिपटी बेड़िय़ां समझ न इनको वस्त्र तू, ये बेडिय़ां पिघला के बना ले इनको शस्त्र तू, तू खुद की खोज में निकल, तू किसलिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है।’
मंत्री रहते हुए देवेंद्र बबली का उनके ही हलके टोहाना से सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर गिल ने खुलकर विरोध किया था। हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर गिल ने ई-टेंडरिंग और राईट-टू-रिकॉल को लेकर बबली के खिलाफ प्रदेशभर में आंदोलन चलाया था। उन्होंने पूर्व मंत्री बबली पर स्वैच्छिक कोष की ग्रांट में गड़बड़ी कर अपने चहेतों को लाभ देने के आरोप लगाए थे। उस समय उन्होेंने कहा था कि मंत्री ने अपने स्टाफ के उन लोगों व जानकारों के खाते में ग्रांट जारी की है, जो साधन सम्पन्न हैं। इसके बाद अब सरकार अब इस मामले में विजिलेंस जांच शुरू करवाई गई है।
क्या कहते हैं पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली
इस बारे में पूर्व पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली का कहना है कि उन्होंने अपने विवेक से सही और जरूरतमंदों को ही स्वैच्छिक ग्रांट जारी की है। उन्होंने कम समय में व्यवस्था बदली है। सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट के बारे में उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली हर पोस्ट के राजनीतिक मायने तो होते ही हैं। अभी गेहूं का सीजन चल रहा है। सभी लोग इसमें व्यस्त हैं। सीजन खत्म होते ही 15 दिन बाद मैं अपने समर्थक कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाकर उनके साथ चर्चा करूंगा। देश-प्रदेश हित में जो भी फैसला सही होगा, वो फैसला लेंगे। इसको लेकर पहले वे अपने संघर्ष के साथियों से रायशुमारी करेंगे। उन्होंने शायरी पर कहा कि उन्होंने तो अपनी भावना व्यक्त की है, उसका मतलब आप निकाल लीजिए।