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कापड़ो डिस्ट्रीब्यूटरी पर वन विभाग की लकड़ी काट रहे गिरोह के दो सदस्य काबू

 वन विभाग के अधिकारियों ने पिकअप गाड़ी, बाइक व लकड़ी काटने की मशीन कब्जे में ली
 
 कापड़ो डिस्ट्रीब्यूटरी पर वन विभाग की लकड़ी काट रहे गिरोह के दो सदस्य काबू 
हिसार, 18 मार्च  वन विभाग हांसी की टीम ने वन रजिक अधिकारी रमेश यादव के नेतृत्व में सोमवार अल सुबह करीब दो बजे कापड़ो डिस्ट्रीब्यूटरी पर वन विभाग की लकड़ी काटने वाले एक गिरोह के दो सदस्यों को काबू किया है। वन विभाग की टीम को देख गिरोह के पांच सदस्य मौके से फरार हो गए। वन विभाग के अधिकारियों ने पकड़े दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके पर्यावरण अदालत कुरुक्षेत्र में पेश किया। वहां से दोनों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। रिमांड के दौरान पुलिस मौके से फरार अन्य आरोपियों तथा किस किस क्षेत्र से अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की गई है, के बारे में जानकारी हासिल करेगी।
वन दरोगा अरुण कुमार ने बताया पिछले लंबे समय से वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही थी। इसके चलते वन रजिक अधिकारी रमेश यादव के नेतृत्व में अवैध रूप से काटे जा रहे पेड़ों की रखवाली के लिए वन दरोगा व वन गार्ड की टीम का गठन किया गया। वन दरोगा ने बताया सोमवार की अल सुबह करीब दो बजे सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात लोग कापड़ो डिस्ट्रीब्यूटरी नहर पर लगे सफेदों के पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने मौके पर दबिश दी वहां सात लोग रात के अंधेरे में सफेदे के पेड़ों को काटते मिले। बिना परमिशन के अवैध रूप पेड़ों को काट रहे लोगों की नजर जब वन विभाग की टीम पर पड़ी तो सभी लोग मौके से भागने लगे। वन विभाग की टीम ने भाग रहे लोगों का पीछा कर गांव खरक पूनिया निवासी अमरजीत तथा मखंड निवासी राजेंद्र को काबू कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से चार पेड़ों से लदी एक पिकअप गाड़ी, एक बाइक तथा दो लकड़ी काटने की मशीन जब्त की गई है।
वन दरोगा अरुण कुमार ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपितों के खिलाफ वन विभाग वन विभाग की टीम द्वारा पिकअप, बाइक तथा लकड़ी काटने की मशीन को कब्जे में लेकर आरोपियों को पर्यावरण अदालत में पेश किया गया है। वन दरोगा अरुण कुमार ने बताया पकड़े गए आरोपियोंं ने प्रारंभिक पूछताछ में कबूल किया है कि उनके द्वारा हांसी वन विभाग क्षेत्र से सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं और यहां से काटे गए पेड़ों को गाड़ी से ले जाकर कैथल लक्कड़ मंडी में बेच देते थे।