नशे की ओवरडोज से दस दिन में तीन युवकों की मौत, सहमे ग्रामीण
तीनों मृतकों की उम्र 20 से 30 साल के बीच, इंजेक्शन व नशे के आदी बताए गए
Nov 10, 2024, 19:35 IST
हिसार, 10 नवंबर जिले के उकलाना थाना क्षेत्र के गांव पाबड़ा में
नशे के प्रभाव व ओवरडोज से तीन युवकों की मौत का समाचार है। हालांकि तीनों की मौत अलग—अलग समय में हुई है
लेकिन युवा वर्ग में बढ़ते नशे व इस तरह हो रही मौतों से ग्रामीण सहमें हुए हैं। वे
इस बात से आशंकित है कि कहीं यह नशा घर—घर न फैल जाए।
बताया जा रहा है कि मात्र दस दिन के अंतराल में पाबड़ा गांव के तीन युवक नशे
की ओवरडोज की वजह से मौत के मुंह में समा चुके हैं। इनमें लगभग 20 वर्षीय सोनू, 30
वर्षीय विनोद व 22 साल का चरणदास शामिल है। बताया जा रहा है कि लगभग 20 वर्षीय सोनू
के पिता बीमार रहते हैं। सोनू ही काम धंधा करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
गांव दिलबाग सिंह के अनुसार सोनू पिछले दो सालों से सफेद चिट्टा, नशे की गोलियां व
इंजेक्शन का नशा कर रहा था। परिवार ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की लेकिन नशे की
ऐसी लत लगी कि वह रुक नहीं पाया। उन्होंने बताया कि सोनू ने घर पर ही नशे का इंजेक्शन
लगाया था और और उसके शरीर में रिएक्शन हो गया जिसके चलते परिवार उसे अग्रोहा मेडिकल
में लेकर गए लेकिन गत 29 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। इसी तरह 30 वर्षीय मृतक विनोद
के पिता निहाल सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है और विनोद की तीन बहनें और मां है। परिवार
का पालन पोषण विनोद कुमार ही मजदूरी करके करता था।
पिछले दो वर्षों से उसे भी नशे की
बुरी लत लग गई थी और इस नशे की लत से बाहर नहीं निकल पाया जिस कारण विनोद कुमार की
पांच नवंबर को मौत हो गई। तीसरे मृतक चरण दास के एक एक भाई है, जो दिव्यांग है। मां-बाप
पिछले काफी समय से बीमार रहते हैं और एक बहन विधवा हो चुकी है। चरण दास अपने विकलांग
भाई हकीकत, मां-बाप व विधवा बहन के पालन पोषण का कार्य करता था और मजदूरी करके अपने
परिवार को चला रहा था। पिछले लगभग तीन वर्षों से उसे सफेद चिट्टे का नशा, गोलियां व
इंजेक्शन का नशा करने की बुरी लत लग गई और वह इस नशे की लत से बाहर नहीं निकल पाया।
परिवार के ही दिलबाग सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व 8 नवंबर को चरण दास घर में ही एक
अलग बने कमरे में अकेला मृत अवस्था में पाया गया। उसके पास एक नशे से भरी हुई इंजेक्शन
मिली है तथा चार खाली मिले हैं। इसकी मौत नशे के ओवरडोज के कारण हुई है।
पाबड़ा गांव में सोनू, विनोद व चरण दास की नशे के कारण मौत होने की सूचना के
बाद उकलाना के विधायक नरेश सेलवाल गांव पाबड़ा में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए
पहुंचे। उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया। विधायक नरेश सेलवाल ने कहा कि नशे के ओवरडोज
के कारण इस तरह से तीन युवाओं का आकस्मिक जाना हमारे लिए बहुत बड़ा दुखदाई है। उन्होंने
कहा कि जिस तरह से गांव पाबड़ा सहित क्षेत्र के अन्य गांव में खुलेआम सफेद चिट्टा, नशे
की गोलियां व नशे के इंजेक्शन बिक रहे हैं इससे हमारे समाज के युवा नशे की जकड़न में
आ रहे हैं। विधायक के अनुसार उन्होंने इस बारे में पुलिस अधीक्षक से बात की है और जो
लोग भी नशे का कारोबार कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि 13 नवंबर से शुरू होने जा रहे हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान वे गांव
पाबड़ा के सोनू, विनोद, चरण दास की नशे की ओवरडोज के कारण हुई मौत के मामले को जोर-जोर
से उठाएंगे। विधानसभा सत्र में सरकार से मांग करेंगे कि इन पीड़ित परिवारों की आर्थिक
मदद की जाए।
नशे के प्रभाव व ओवरडोज से तीन युवकों की मौत का समाचार है। हालांकि तीनों की मौत अलग—अलग समय में हुई है
लेकिन युवा वर्ग में बढ़ते नशे व इस तरह हो रही मौतों से ग्रामीण सहमें हुए हैं। वे
इस बात से आशंकित है कि कहीं यह नशा घर—घर न फैल जाए।
बताया जा रहा है कि मात्र दस दिन के अंतराल में पाबड़ा गांव के तीन युवक नशे
की ओवरडोज की वजह से मौत के मुंह में समा चुके हैं। इनमें लगभग 20 वर्षीय सोनू, 30
वर्षीय विनोद व 22 साल का चरणदास शामिल है। बताया जा रहा है कि लगभग 20 वर्षीय सोनू
के पिता बीमार रहते हैं। सोनू ही काम धंधा करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था।
गांव दिलबाग सिंह के अनुसार सोनू पिछले दो सालों से सफेद चिट्टा, नशे की गोलियां व
इंजेक्शन का नशा कर रहा था। परिवार ने उन्हें रोकने की काफी कोशिश की लेकिन नशे की
ऐसी लत लगी कि वह रुक नहीं पाया। उन्होंने बताया कि सोनू ने घर पर ही नशे का इंजेक्शन
लगाया था और और उसके शरीर में रिएक्शन हो गया जिसके चलते परिवार उसे अग्रोहा मेडिकल
में लेकर गए लेकिन गत 29 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। इसी तरह 30 वर्षीय मृतक विनोद
के पिता निहाल सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है और विनोद की तीन बहनें और मां है। परिवार
का पालन पोषण विनोद कुमार ही मजदूरी करके करता था।
पिछले दो वर्षों से उसे भी नशे की
बुरी लत लग गई थी और इस नशे की लत से बाहर नहीं निकल पाया जिस कारण विनोद कुमार की
पांच नवंबर को मौत हो गई। तीसरे मृतक चरण दास के एक एक भाई है, जो दिव्यांग है। मां-बाप
पिछले काफी समय से बीमार रहते हैं और एक बहन विधवा हो चुकी है। चरण दास अपने विकलांग
भाई हकीकत, मां-बाप व विधवा बहन के पालन पोषण का कार्य करता था और मजदूरी करके अपने
परिवार को चला रहा था। पिछले लगभग तीन वर्षों से उसे सफेद चिट्टे का नशा, गोलियां व
इंजेक्शन का नशा करने की बुरी लत लग गई और वह इस नशे की लत से बाहर नहीं निकल पाया।
परिवार के ही दिलबाग सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व 8 नवंबर को चरण दास घर में ही एक
अलग बने कमरे में अकेला मृत अवस्था में पाया गया। उसके पास एक नशे से भरी हुई इंजेक्शन
मिली है तथा चार खाली मिले हैं। इसकी मौत नशे के ओवरडोज के कारण हुई है।
पाबड़ा गांव में सोनू, विनोद व चरण दास की नशे के कारण मौत होने की सूचना के
बाद उकलाना के विधायक नरेश सेलवाल गांव पाबड़ा में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए
पहुंचे। उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया। विधायक नरेश सेलवाल ने कहा कि नशे के ओवरडोज
के कारण इस तरह से तीन युवाओं का आकस्मिक जाना हमारे लिए बहुत बड़ा दुखदाई है। उन्होंने
कहा कि जिस तरह से गांव पाबड़ा सहित क्षेत्र के अन्य गांव में खुलेआम सफेद चिट्टा, नशे
की गोलियां व नशे के इंजेक्शन बिक रहे हैं इससे हमारे समाज के युवा नशे की जकड़न में
आ रहे हैं। विधायक के अनुसार उन्होंने इस बारे में पुलिस अधीक्षक से बात की है और जो
लोग भी नशे का कारोबार कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि 13 नवंबर से शुरू होने जा रहे हरियाणा विधानसभा सत्र के दौरान वे गांव
पाबड़ा के सोनू, विनोद, चरण दास की नशे की ओवरडोज के कारण हुई मौत के मामले को जोर-जोर
से उठाएंगे। विधानसभा सत्र में सरकार से मांग करेंगे कि इन पीड़ित परिवारों की आर्थिक
मदद की जाए।