जिले में आज सायं 7.50 बजे होगा ब्लैकआउट, नागरिक रोशनी वाले उपकरण रखें बंद : उपायुक्त शांतनु शर्मा
- सायं चार बजे लघु सचिवालय में होगी मॉक ड्रिल, अफवाहों से बचें आम नागरिक, प्रशासन जरूरी जानकारी करेगा सांझा
Updated: May 7, 2025, 14:28 IST

सिरसा, 07 मई।
जिला में नागरिकों की सुरक्षा व आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को जांचने के लिए बुधवार रात 7:50 से 8:00 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा। इस दौरान सभी नागरिक घरों में रहें और किसी भी प्रकार की रोशनी का प्रयोग न करें। रोशनी संबंधी सभी उपकरण बंद रखें। यह ब्लैकआउट पूरे जिलेभर में एक साथ होगा। इससे पहले लघु सचिवालय में शाम चार बजे मॉक ड्रिल की जाएगी। जिला में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया का परीक्षण और सुदृढीकरण है।
यह जानकारी उपायुक्त शांतनु शर्मा ने अधिकारियों की बैठक के दौरान दी। इससे पहले वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने मॉक ड्रिल व ब्लैकआउट के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि यह केवल एक अभ्यास है, इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें बल्कि जिला प्रशासन व जिला प्रशासन से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर जो जानकारी दी जाए उसी का अनुसरण करें।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को अलर्ट संकेतों की जानकारी रखनी चाहिए, जैसे निरंतर सायरन अलर्ट का संकेत है जबकि छोटा सायरन स्थिति के सामान्य होने का संकेत देता है। आमजन से अपील की गई है कि वे अपने फोन और पावर बैंक को चार्ज कर लें। साथ ही बैटरी या सौर ऊर्जा से चलने वाली टॉर्च, रेडियो, वैध पहचान पत्र और पेयजल, सूखा भोजन, जरूरी दवाइयां जैसी आपातकालीन किट तैयार रखें।
ब्लैकआउट में बरतें ये सावधानियां
उपायुक्त ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान अगर हवाई हमले के सायरन सुनाई दें, तो घबराएं नहीं और जारी निर्देशों का पालन करें। वहीं ब्लैकआउट के समय सभी लाइटें, इन्वर्टर और अन्य बिजली आपूर्ति बंद कर दें। घर के अंदर रहें, खिड़कियों से दूर रहें और अगर वाहन चला रहे हों तो वाहन साइड में रोक कर लाइट बंद कर दें। गैस और बिजली के उपकरण भी बंद रखें और बच्चों, बुजुर्गों तथा पालतू जानवरों पर निगरानी रखें। खिड़कियों के पास फोन या एलईडी डिवाइस का उपयोग न करें, खिड़कियों को मोटे पर्दे या कार्डबोर्ड से ढकें। सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी सांझा करने से बचें और अफवाहों पर ध्यान न दें। ब्लैकआउट समाप्त होने के बाद बच्चों और बुजुर्गों से बात कर उन्हें आश्वस्त करें कि यह केवल एक अभ्यास था और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उपायुक्त ने सभी से सहयोग और संयम बनाए रखने की अपील की है।
यह भी रखें ध्यान
लोगों को अपने घर में किसी सुरक्षित आंतरिक कमरे या बंकर जैसे स्थान की पहचान करनी चाहिए और परिवार के सभी सदस्यों को इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को पहले से सतर्क किया जाए। ब्लैकआउट के दौरान लाइट बंद कर सभी को 1-2 मिनट में सुरक्षित स्थान पर एकत्र होने का अभ्यास करना जरूरी होगा। यह मॉकड्रिल अभ्यास चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर लागू नहीं होता है हालांकि उन्हें ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढकना होगा और सतर्क रहना होगा।
आपातकालीन नंबर का प्रयोग करें और लिफ्ट का उपयोग न करें
उन्होंने कहा कि आम नागरिक किसी भी आपातकालीन स्थित में 112 पर कॉल कर सकते हैं। शाम सात बजे से आठ बजे तक लिफ्ट का उपयोग न करें, ताकि ब्लैकआउट के दौरान कोई असुविधा न हो।
जिला में नागरिकों की सुरक्षा व आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को जांचने के लिए बुधवार रात 7:50 से 8:00 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा। इस दौरान सभी नागरिक घरों में रहें और किसी भी प्रकार की रोशनी का प्रयोग न करें। रोशनी संबंधी सभी उपकरण बंद रखें। यह ब्लैकआउट पूरे जिलेभर में एक साथ होगा। इससे पहले लघु सचिवालय में शाम चार बजे मॉक ड्रिल की जाएगी। जिला में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया का परीक्षण और सुदृढीकरण है।
यह जानकारी उपायुक्त शांतनु शर्मा ने अधिकारियों की बैठक के दौरान दी। इससे पहले वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी व गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने मॉक ड्रिल व ब्लैकआउट के बारे में आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि यह केवल एक अभ्यास है, इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें बल्कि जिला प्रशासन व जिला प्रशासन से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट पर जो जानकारी दी जाए उसी का अनुसरण करें।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को अलर्ट संकेतों की जानकारी रखनी चाहिए, जैसे निरंतर सायरन अलर्ट का संकेत है जबकि छोटा सायरन स्थिति के सामान्य होने का संकेत देता है। आमजन से अपील की गई है कि वे अपने फोन और पावर बैंक को चार्ज कर लें। साथ ही बैटरी या सौर ऊर्जा से चलने वाली टॉर्च, रेडियो, वैध पहचान पत्र और पेयजल, सूखा भोजन, जरूरी दवाइयां जैसी आपातकालीन किट तैयार रखें।
ब्लैकआउट में बरतें ये सावधानियां
उपायुक्त ने बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान अगर हवाई हमले के सायरन सुनाई दें, तो घबराएं नहीं और जारी निर्देशों का पालन करें। वहीं ब्लैकआउट के समय सभी लाइटें, इन्वर्टर और अन्य बिजली आपूर्ति बंद कर दें। घर के अंदर रहें, खिड़कियों से दूर रहें और अगर वाहन चला रहे हों तो वाहन साइड में रोक कर लाइट बंद कर दें। गैस और बिजली के उपकरण भी बंद रखें और बच्चों, बुजुर्गों तथा पालतू जानवरों पर निगरानी रखें। खिड़कियों के पास फोन या एलईडी डिवाइस का उपयोग न करें, खिड़कियों को मोटे पर्दे या कार्डबोर्ड से ढकें। सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी सांझा करने से बचें और अफवाहों पर ध्यान न दें। ब्लैकआउट समाप्त होने के बाद बच्चों और बुजुर्गों से बात कर उन्हें आश्वस्त करें कि यह केवल एक अभ्यास था और घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उपायुक्त ने सभी से सहयोग और संयम बनाए रखने की अपील की है।
यह भी रखें ध्यान
लोगों को अपने घर में किसी सुरक्षित आंतरिक कमरे या बंकर जैसे स्थान की पहचान करनी चाहिए और परिवार के सभी सदस्यों को इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को पहले से सतर्क किया जाए। ब्लैकआउट के दौरान लाइट बंद कर सभी को 1-2 मिनट में सुरक्षित स्थान पर एकत्र होने का अभ्यास करना जरूरी होगा। यह मॉकड्रिल अभ्यास चिकित्सा प्रतिष्ठानों पर लागू नहीं होता है हालांकि उन्हें ड्रिल के दौरान सभी खिड़कियों को मोटे पर्दों से ढकना होगा और सतर्क रहना होगा।
आपातकालीन नंबर का प्रयोग करें और लिफ्ट का उपयोग न करें
उन्होंने कहा कि आम नागरिक किसी भी आपातकालीन स्थित में 112 पर कॉल कर सकते हैं। शाम सात बजे से आठ बजे तक लिफ्ट का उपयोग न करें, ताकि ब्लैकआउट के दौरान कोई असुविधा न हो।