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अभी पूरा नहीं होगा मेडिकल कॉलेज बनने का सपना

 
 अभी पूरा नहीं होगा मेडिकल कॉलेज बनने का सपना

कमल शर्मा
 

सिरसा, 25 फरवरी। हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 11 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने का कई वर्ष पूर्व ऐलान किया था। सिरसा जिला भी उन्हीं जिलों में शामिल है जहां मेडिकल कॉलेज बनना है। सरकार ने नवंबर माह में देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कॉलेज का शिलान्यास भी करवा दिया है, लेकिन मेडिकल कॉलेज कब बनेगा, यह अभी तय नहीं है। या यूं कह सकते हैं कि सिरसा के लोगों को मेडिकल कॉलेज की सौगात अभी नहीं मिलने वाली है। इसके पीछे बजट की कमी है। 23 फरवरी को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने विधानसभा में वर्ष 2023-24 का बजट प्रस्तुत किया था। बजट में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और आयुष क्षेत्रों के लिए 9647 करोड़ रुपये रखे गए हैं। साथ ही 11 जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाने के साथ ही प्रदेश में 11 नए नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की गई है। सीएम ने अपने बजट भाषण में साफ शब्दों में कहा है कि जो 11 मेडिकल  कॉलेज बनाए जाने हैं उन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यानि, औसत एक मेडिकल कॉलेज पर एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। अब आप समझ गए होंगे कि बजट में स्वास्थ्य के लिए कुल 9647 करोड़ रुपये रखे गए हैं जबकि अकेले मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर 10 हजार करोड़ रुपयों का खर्च आएगा। यदि स्वास्थ्य का पूरा बजट ही मेडिकल कॉलेजों पर खर्च हो गया तो बाकी की स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाएं कैसे चल पाएंगी। कहने का अर्थ है कि मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए सरकार ने अलग से कोई बजट नहीं रखा है। सिरसा जिले में बनने वाले मेडिकल कॉलेज पर भी एक हजार करोड़ से अधिक का खर्च आएगा। जब बजट ही नहीं होगा तो कॉलेज कैसे बनेगा? यह बड़ा सवाल है। जिस गति से मेडिकल कॉलेज बनाने की प्रक्रिया चल रही है, उसे देखकर तो यही लग रहा है कि आने वाले 15-20 साल में भी मेडिकल कॉलेज का सपना साकार नहीं होगा।


आयुष्मान भारत योजना पर भी संकट


प्रदेश की जनता को मुफ्त चिकित्सा सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से चिरायु आयुष्मान भारत योजना चलाई जा रही है। योजना में गरीब परिवारों को सरकार द्वारा पैनल में शामिल किए गए निजी अस्पतालों में भी मुफ्त उपचार की सुविधा मिलती है। यह योजना उन परिवारों को मिल रही है जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये है। सरकार ने इस बजट में योजना का दायरा बढ़ा दिया है। अब सालाना 3 लाख रुपये आय वाले परिवारों को भी इस योजना में शामिल कर दिया है। बजट में जब अलग से कोई राशि का प्रावधान नहीं है तो इन परिवारों को लाभ कैसे मिलेगा?


चिकित्सकों का पहले ही टोटा है


मेडिकल कॉलेज बनाने की सोच निश्चित रूप से अच्छी है। ऐसे कॉलेजों से हर वर्ष नए चिकित्सक आएंगे और स्वास्थ्य क्षेत्र सुदृढ़ होगा, पर सवाल उठता है कि जो मेडिकल  कॉलेज बनेंगे, उनमें पढ़ाने के लिए चिकित्सक कहां से आएंगे। प्रदेश का ऐसा कोई भी सरकारी अस्पताल नहीं है, जहां स्टाफ पूरा हो। सभी में चिकित्सकों की कमी है। सिरसा का नागरिक अस्पताल भी इससे अछूता नहीं है। सिरसा के नागरिक अस्पताल में भी चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ के दर्जनों पद रिक्त हैैं। आलम यह है कि सिरसा का नागरिक अस्पताल रेफरल सेंटर बन गया है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि पहले चिकित्सकों की कमी को दूर किया जाए। जब सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक पूरे होंगे तो जनता को बेहतर चिकित्सका सुविधा मिलेगी।


नागरिक अस्पताल में शुरू हो सकता है मेडिकल कॉलेज


सरकार की मंशा मेडिकल कॉलेज निर्माण के प्रति सकारात्मक है तो इसकी शुरूआत इसी वर्ष हो सकती है। इसमें कोई खास खर्च भी नहीं होगा। सिरसा का नागरिक अस्पताल इसके लिए उपयुक्त स्थान है। यहां पर बड़ा भवन है। नर्सिंग सेंटर भी है। मेडिकल कॉलेज की प्रथम वर्ष की कक्षाएं नागरिक अस्पताल में आरंभ की जा सकती हैं। इससे न तो नया भवन बनाना पड़ेगा और न ही अन्य संसाधन जुटाने होंगे। जब कॉलेज का भवन बन जाएगा तो फिर कक्षाएं उसमें शिफ्ट हो सकती हैं। इसके अलावा भी विकल्प के तौर पर जेसीडी विद्यापीठ में मेडिकल कॉलेज की प्रथम वर्ष की कक्षाएं शुरू हो सकती हैं। यहां डेंटल कॉलेज व अस्पताल भी है। इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा सिरसा के अस्पताल या फिर सिकंदरपुर डेरा के अस्पताल में भी मेडिकल कॉलेज की कक्षाएं आरंभ हो सकती हैं क्योंकि इन सभी स्थानों पर पहले ही सभी संसाधन मौजूद हैं।