हरियाणा की भाजपा सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों से किया सबसे बड़ा विश्वासघात – कुमारी सैलजा

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया है। प्रधानमंत्री ने 2022 तक देश के हर गरीब को छत देने का वादा किया था, लेकिन आज भी करोड़ों परिवार बिना घर के गुजर-बसर कर रहे हैं। हरियाणा भी इससे अलग नहीं है।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हुडा, जिसे कभी ‘नो-प्रॉफिट, नो-लॉस’ के सिद्धांत पर गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दरों पर प्लॉट उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था, उसका स्वरूप सरकार ने पूरी तरह कमजोर कर दिया है। आज जनता को घर देना सरकार की प्राथमिकता नहीं बल्कि प्राइवेट बिल्डरों के लिए खुला मैदान बन गया है।
प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कॉलोनियां काटी जा रही हैं, कहा तो यह जाता है कि इन योजनाओं के माध्यम से गरीबों को प्लॉट दिए जाएंगे। लेकिन हकीकत यह है कि छोटे नगरों से लेकर मध्यम शहरों तक 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक के प्लॉट बेचे जा रहे हैं। ऐसा महंगा प्लॉट गरीब यहां तक कि मध्यम वर्ग की पहुंच से भी बाहर है। एक गरीब इतना मंहगा प्लॉट खरीदने के बारे में सोच ही नहीं सकता फिर किस मुंह से सरकार गरीबों के हितों की बात कर रही है। सच तो यह है कि प्रदेश सरकार गरीब को अपने घर का सपना दिखाकर उसके साथ मजाक कर उसका उपहास उड़ा रही हैै।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सरकार केवल और केवल प्रोपर्टी डीलर के बारे में सोच रही है, इस सरकार के कार्यकाल में लाइसेंस सस्ते और प्लॉट महंगे होते जा रहे है, सरकार की नीतियों से आम आदमी को कोई राहत नहीं मिल रही है। सांसद ने कहा कि गरीबों के लिए बनाई गई योजनाएं भी अब गरीबों तक नहीं पहुंच रहीं है वे सिर्फ डेवलपर्स की कमाई का साधन बनकर रह गई हैं। सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या यही आपका ‘विकास मॉडल’ है कि गरीब और मिडिल क्लास शहरों से बाहर धकेल दिए जाएं और प्राइवेट डेवलपर्स की बल्ले-बल्ले हो? क्या सरकार गरीब को घर देने की नीति छोड़ चुकी है? सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा गरीब और मध्यम वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ती आई है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर हम फिर से ऐसी व्यवस्था लाएंगे जिसमें हर परिवार को सम्मानजनक दरों पर घर और प्लॉट मिलें, न कि सिर्फ अमीरों और बिल्डरों को लाभ पहुंचाने वाली नीतियां।

