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तेरे यार नूं दबण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ...

गोकुल सेतिया के समर्थन में उमड़ रहा युवाओं का हुजूम 
 
  तेरे यार नूं दबण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ...
सिरसा। 27 सितंबर तेरे यार नूं दबण नूं फिरदे सी, पर दबदा कित्थे आ... इस पंजाबी गाने की लाइनें वर्तमान हालात में युवा नेता व सिरसा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी गोकुल सेतिया पर एकदम सटीक बैठती है। पिछले कई  सालों से जनता के बीच रहकर जनता की सेवा करके जन-जन की आवाज बने युवा नेता गोकुल सेतिया को जैसे ही कांग्रेस पार्टी ने टिकट के लिए दिल्ली बुलाया तो उनके समर्थकों में युवाओं का हुजूम उनके समर्थन में उनके निवास स्थान पर उमडऩे लगा। नामांकन से पहले दिन रात्रि को जैसे ही टिकट की घोषणा हुई, सेतिया निवास पर जश्न का माहौल शुरू हो गया। गोकुल सेतिया ने जनता की भावनाओं के आगे नतमस्तक होते हुए बतौर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव में अपने आप को फुल एनर्जी के साथ उतरा। सेतिया निवास पर हुए सम्मेलन में भी भावुक माहौल को देखते हुए अधिकांश युवा यह कहते हुए सुने गए कि इन आंसुओं का बदला चुनावों में लिया जाएगा। मगरमच्छ के आंसू बहाने वाली व किसानों की पीठ में छुर्रा घोंपने वाले दलों हलोपा, भाजपा व इनेलो को उसकी असली औकात चुनावों में ही दिखाई जा सकती है। युवाओं के जोश भरे माहौल में कहीं न कहीं गोकुल भी अपने आप को रोक ना पाए और उन्होंने पूरे जोश भरे अंदाज में इस ठगबंधन के खिलाफ चुनाव लडऩे का ऐलान कर दिया। अपने नाना स्वर्गीय लक्ष्मण दास अरोड़ा के नक्शे कदम पर चलकर राजनीति को जनसेवा में परिवर्तित करने वाले गोकुल सेतिया ने अपने प्रचार अभियान से विपक्ष की नींदें हराम कर दी है। दिन-ब-दिन बढ़ रहे गोकुल के समर्थन को देखकर विपक्ष ने अनर्गल बयानबाजी कर उन्हें दबाने की भरपूर कोशिश की, लेकिन सिरसा की जनता ने गोकुल सेतिया की आवाज को दबाने की बजाय और बुलंद कर विपक्ष की बोलती बंद करने का काम किया। गोकुल सेतिया ने दबाव और औच्छी राजनीति को दरकिनार करते हुए खुद के लिए एक नया रास्ता चुनते हुए विरोधियों को यह दर्शाने का प्रयास किया है कि वे किसी भी मायने में उसे कमतर न आंकें। बता दें कि युवा नेता गोकुल सेतिया युवा ऊर्जावान व एक संघर्षशील नेता हंै, जो जन मानव के हितों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हंै। यही वजह रही कि ऐसे संषर्घशील एवं जुझारू नेता को कांग्रेस हाईकमान ने गंभीर मंथन के बाद टिकट देकर सिरसावासियों के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इसलिए अब 5 अक्तूबर को शहर की जागरूक जनता ने जंग लग चुके विकास के पहिए को सरपट दौड़़ाने के लिए अपने विवेक से मतदान करना है।
गोकुल की भावुक अपील पर उमड़ रहे लोग:
कांगे्रस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे गोकुल सेतिया द्वारा की जा रही भावुक अपील पर लोग खुले दिल से उन्हें समर्थन देने के लिए उमड़ रहे हंै। जनसंपर्क व सोशल मीडिया के माध्यम से समर्थकों से सहयोग के लिए भावुक अपील की कि मेरी इज्जत राखना सिरसा वालो, एकला कूद्दन लाग रिहा है थारा भाई। सच्चाई की लड़ाई में मैरो साथ ना छोड़ देइयो। सदैव आपको गोकुल सेतिया। गोकुल की इस अपील पर उन्होंने साथ ही लिखा कि मैं निजी तौर पर सबको आमंत्रित करने नहीं आ सका। कृपया इसे ही आप मेरा आमंत्रण समझें और भाई के हाथ मजबूत करने का काम करें।
गोकुल में नजर आई सिरसा नरेश स्व.लक्ष्मण दास की छवि:
गोकुल सेतिया के पक्ष में उमड़ रही भीड़ ने एक बारगी सिरसा नरेश के नाम से मशहूर स्व. लक्ष्मण दास अरोड़ की याद को ताजा कर दिया। उनके जमाने में भी भीड़ का ऐसा ही कारवां उमड़ता था। जनसंपर्क के दौरान उमड़ रही भीड़़ को देखकर लोग चर्चा कर रहे हंै कि गोकुल सेतिया अपने नाना स्वर्गीय लक्ष्मण दास का ही रूप बनकर उबर रहे हैं। उभरती छवि युवाओं में बेहद पसंद की जा रही थी।