चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तापमान 50℃ जबकि सतह के नीचे -10 ℃ : डा. ढींडसा

सिरसा 1 सितंबर : अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ सिरसा के महानिदेशक डाॅ. कुलदीप सिंह ढींडसा ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को चंद्रमा की सतह पर तापमान भिन्नता का एक ग्राफ जारी किया है। अंतरिक्ष एजेंसी से जुड़े वैज्ञानिको ने इस उच्च तापमान पर आश्चर्य व्यक्त किया है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर चंद्रमा की सतह थर्मो-फिजिकल एक्सपेरिमेंट ( सी.एच.ए.एस.टी.ई.) पेलोड ने चंद्रमा की सतह के थर्मल व्यवहार को समझने के लिए ध्रुव के चारों ओर चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापा।
सतह से 8 स.मी. की गहराई पर, पेलोड ने तापमान -10℃ तक कम दर्ज किया। सतह की ओर धीरे-धीरे बढ़ने के साथ ही तापमान में वृद्धि देखी जा सकती है। सतह के ऊपर, ग्राफ ने 50⁰ से 60℃ के बीच तापमान में सापेक्ष स्थिरता दिखाई।
इसरो द्धारा जारी की गई एक विज्ञप्ति के अनुसार ‘‘यह विक्रम लैंडर पर सी.एच.ए.एस.टी.ई. पेलोड के पहले अवलोकन हैं। चंद्रमा की सतह के तापीय व्यवहार को समझने के लिए सी.एच.ए.एस.टी.ई. चंद्रमा के ध्रुव के चारों ओर की ऊपरी मिट्टी के तापमान प्रोफाइल को मापता है,‘‘ इसरो के वैज्ञानिक बी.एच.एम. दारुकेशा के अनुसार, “हम सभी का मानना था कि सतह पर तापमान 20℃ के आसपास हो सकता है लेकिन यह काफी अधिक है। ग्राफ विभिन्न गहराई पर चंद्र सतह व निकट सतह के तापमान की भिन्नता को दर्शाता है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए यह पहली ऐसी प्रोफाइल है। इसरो ने एक बयान में कहा कि विस्तृत अवलोकन चल रहा है।
डा. दारुकेशा ने बताया, “जब हम पृथ्वी के अंदर दो से तीन से. मी. जाते हैं, तो हमें मुश्किल से 2-3℃ भिन्नता दिखाई देती है, जबकि वहां, यह लगभग 50℃ भिन्नता होती है। यह कुछ दिलचस्प है । वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि चंद्रमा की सतह के नीचे तापमान शून्य से 10℃ नीचे तक गिर जाता है, अन्त में डा. ढींडसा ने बताया कि यह अंतर 60℃ से शून्य से 10℃ नीचे तक होता है।