Pal Pal India

निजी नौकरियों में राज्यवासियों को आरक्षण देने पर हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती​​​​​​​

 
6 फरवरी को होगी पहली सुनवाई
 
 6 फरवरी को होगी पहली सुनवाई
चंडीगढ़, 4 फरवरी  हरियाणा सरकार ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में हरियाणा के युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के फैसले पर हाई कोर्ट की रोक के आदेश को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। इस मामले की पहली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।
हरियाणा के युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण देने का ऐलान वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी ने किया गया था। गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद इस फैसले को लागू कर दिया गया। हरियाणा सरकार के फैसले को फरीदाबाद व गुरुग्राम के औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर हाई कोर्ट ने पिछले साल 17 नवंबर को हरियाणा सरकार के फैसले पर रोक लगाने के आदेश दिए थे।
दरअसल, हरियाणा सरकार ने नवंबर 2021 में हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम की अधिसूचना जारी की थी। 15 जनवरी 2022 से यह कानून पूरे राज्य में लागू हो गया था। लागू किए गए आरक्षण कानून में प्रावधान था कि नए कारखानों व उद्योगों या पहले से स्थापित उद्योगों व संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के मूल निवासियों को दी जाये। यह केवल हरियाणा राज्य में स्थित विभिन्न निजी तौर पर कंपनियों, सोसायटी, ट्रस्ट, सीमित देयता भागीदारी फर्म, साझेदारी फर्म आदि में 10 या अधिक व्यक्तियों को रोजगार देने वाले 30,000 रुपये प्रति माह से कम वेतन वाली नौकरियों पर लागू है।
रविवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार आज भी युवाओं को निजी क्षेत्र के कारखानों में 75 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिका दायर कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता की सेवाएं ली हैं। उन्होंने कहा कि संभावना है कि 6 फरवरी को हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हरियाणा तथा इस मामले में अनुबंधित किए गए वकील सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक पहलूओं के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जल्द ही हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करके प्रदेश सरकार तथा युवाओं के हित में फैसला दिया जाएगा।