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केलीफोर्निया में अजीबो-गरीब कानून

स्टोर से कोई भी व्यक्ति 950 डॉलर तक का सामान बिना पैसे दिए उठाकर लेे जा सकता है 
 
केलीफोर्निया में अजीबो-गरीब कानून 
कैलीफोर्निया/सिरसा, 02 सितंबर। अमेरिका के केलीफोर्निया राज्य की सरकार ने अजीबो गरीब कानून एसबी-553 पारित किया है, जिसमें कहा गया है कि अब कोई भी व्यक्ति किसी भी स्टोर से बिना पैसा दिए 950 डॉलर तक का सामान उठाकर ले जा सकता है अगर दुकानदार ने उसे रोका या उसे किसी भी प्रकार की क्षति पहुंचाई तो उसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई होगी और उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। इस कानून के लागू होने से सबसे ज्यादा भारतीय और पाकिस्तानी प्रभावित हो रहे है उनका धंधा चौपट हो चुका है और करीब 70 प्रतिशत स्टोर बंद हो चुके है। इसके विरोध में हजारों स्टोर मालिकों ने वहां की डेमोक्रेट सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था जिसमें  रिब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी सहयोग दिया।
अमेरिका का केलीफोर्निया राज्य एक ऐसा राज्य है जहां पर डेमोक्रेट सीनेट कोई न कोई विवादित कानून पारित करती रहती है, जहां पर स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाता है पर प्रवासी लोगों की अनदेखी की जाती है। अभी वहां की सीनेट ने एसबी-553 कानून पारित किया है जिसके तहत अब वहां का कोई भी व्यक्ति बिना पैसा दिए किसी भी स्टोर से 950 डॉलर तक कोई भी सामान उठाकर ने जा सकता है अगर दुकानदार ने उसे रोका या उस पर कोई ज्याददती की तो तो उसके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी और उसे जेल भी जाना पड़ सकता है। 
कानून को लेकर सबसे ज्यादा प्रवासी लोग खासकर भारतीय व पाकिस्तानी प्रभावित हुए हैं जिनके छोटे बड़े स्टोर है, लोगों ने विरोध भी किया पर वहां की सरकार कोई सुनवाई नहीं कर रही है जिसके चलते 70 प्रतिशत स्टोर बंद हो चुके है, यह आंदोलन वहां पर ठीक वैसे ही चलाया जा रहा है जैसे भारत में कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन चलाया गया था। इसे लेकर पल पल यू टयूब चैनल पर एक परिचर्चा हुई जिसमें पल पल के प्रधान संपादक सुरेंद्र भाटिया, वरिष्ठ पत्रकार गुरजीत सिंह मान और केलीफोर्निया में रहे रहे भारतीय प्रवासी रमेश तरुण और संतोष कथूरिया शामिल हुए और वहां के हालात के बारे में विस्तार से बताया।
वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र भाटिया ने इस कानून को व्यवसाय को बर्बाद करने वाला कानून करार देते हुए कहा कि भारत को इस बारे में सोचना चाहिए और कदम भी उठाना चाहिए, ऐसा लगता है कि यह कानून प्रवासी लोगों खासकर भारतीय को नुकसान पहुंचाने के लिए लागू किया गया है। वरिष्ठ पत्रकार गुरजीत सिंह मान ने कहा कि वहां पहले भी गन प्वांइट पर लूटपाट होती थी और विरोध करने पर हमलावर गोली मारकर हत्या कर देते थे, वहां की सीनेट को इस प्रकार का कानून लागू करने के बजाए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करनी चाहिए थी। 
केलीफोर्निया में व्यवसाय कर रहे मूल रूप से कुरुक्षेत्र निवासी रमेश तरुण ने बताया कि यह कानून केवल केलीफोर्निया में लागू किया गया है, दुकानदार सामान उठाकर ले जाने वाले को रोकना तो दूर उसे टच भी नहीं कर सकता अगर ऐसा किया तो उसके खिलाफ केस दर्ज होगा, उस पर जुर्माना तो होगा ही उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
रमेश तरुण के अनुसार केलीफोर्निया में स्माल उद्योग धंधे जैसे स्टोर और होटल प्रभावित हुए है और वहां पर अब तक 70 प्रतिशत स्टोर और होटल बंंद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि चार-पांच लोग आकर 950-950 डॉलर का सामान उठाकर ले गए तो फिर स्टोर में क्या बचेगा, स्टोर मालिक तो बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि केलीफोर्निया में नशेडी ज्यादा हैं तो दिनभर लूटपाट करते हैं और विरोध करने पर गोली मार देते हैं। उन्होंने कहा कि डेमोक्रट जान बूझकर ऐसा करवा रहे हंै, ऐसा वे वोट के लिए करवा रहे है क्योंकि वहां चुनाव होने हैं और वहां की जनता को खुश करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को इसके विरोध में  स्टोर और होटल बंदकर जोरदार प्रदर्शन किया था जिसमें रिब्लिकन ने उनका साथ दिया था।
केलीफोर्निया में रह रहे संतोष कथूरिया ने कहा कि जब से यह कानून लागू हुआ है बीमा कंपनियों ने स्टोर और होटल का बीमा ही करना बंद कर दिया है। जो नई बीमा कंपनी आई है वे पहले से पांच गुना तक राशि वसूल कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं स्टोर पर लॉग बुक रखना अनिवार्य कर दिया गया है,कौन व्यक्ति कितनी बार 950 डॉलर का सामान स्टोर से ले गया, ग्राहक ने हमला तो नहीं किया, या उसके ऊपर केन तो नहीं फैंकी गई, आने जाने वाले ग्राहक का विवरण लिखना होगा अगर ऐसा न किया तो 15000 डॉलर तक जुर्माना होगा या उसे जेल भी जाना होगा। अगर स्टोर मालिक स्टोर पर सुरक्षाकर्मी रखता है तो शिफ्ट के हिसाब से उसे तीन तीन सुरक्षा कर्मी रखने होंगे और उनका वही इना होगा, इससे तो अच्छा स्टोर पर ताला लगाना ही ठीक होगा। उन्होंने कहा कि केलीफोर्निया की सरकार को ही स्टोर और होटलों की सुरक्षा के लिए कडा कदम उठाना होगा पर वहां की सरकार को वोट के आगे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है और यह कानून भी वोट की खातिर लागू किया है।