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श्री गुरू जांभोजी अवतार एक अलौकिक घटना: स्वामी रामाचार्य

 
श्री गुरू जांभोजी अवतार एक अलौकिक घटना: स्वामी रामाचार्य 

सिरसा, 11 सितंबर। बिश्नोई सभा सिरसा के 49वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर परिसर में चल रही जांभाणी हरिकथा के तीसरे दिन अपने प्रवचनों में स्वामी आचार्य रामाचार्य महाराज ने कहा जांभोजी अवतार, उनके विलक्ष्ण स्वरूप, सौंदर्य एवं अद्भुत गुणों का वर्णन किया। जन्म बाल्यकाल, गऊचारण व उपदेश काल की लीलाओं की चर्चा की।

आचार्य स्वामी रामाचार्य ने लोगों को अंधविश्वास, पाखंडों व आडंबरों से दूर रहने व अपने इष्टदेव श्री गुरु जंभेश्वर भगवान/परमात्मा का सुमिरन करने की नसीहत दी। उन्होंने बताया कि 29 नियमों व शबदवाणी अनुसार जीवन यापन करने वाले पर किसी प्रकार की आपत्त्ति/परेशानियां नहीं आती। सोमवार को कथा प्रारंभ में हिसार से पहुंचे पृथ्वी सिंह गिला ने स्वामी जी को बाल पोथी पुस्तकों का संग्रह भेंट किया तथा कथा दौरान उन विद्यालय के छात्र-छात्राओं को यह पुस्तक दी गई, जिन्होंने 29 धर्म नियमों की बिना किसी हिचकिचाहट के प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम में मीरपुर व खैरेकां गऊशालाओं के प्रधान/प्रतिनिधिमंडलों को भी सम्मानित किया गया। स्वामी जी ने हर प्रकार के नशे से दूर रहने व जहां तक हो सके चाय के भी परित्याग करने का आह्वान किया। आरती व प्रसाद के साथ कथा को विश्राम दिया गया। 12 सितंबर तक चलने वाली इस कथा उपरांत रात्रि जागरण व 13 सितंबर के स्थापना दिवस पर विशाल हवन यज्ञ व पाहल उपरांत मुख्य समारोह का आयोजन होगा। जिसमें पप्पु राम डारा अध्यक्ष श्री गुरु जंभेश्वर सेवा संस्थान जोधपुर मुख्यातिथि होंगे। उसी दिन ध्वजारोहण होगा।

संस्थापक अध्यक्ष स्व. श्री हेतराम की प्रतिमा व प्रवेश द्वार का उद्घाटन होगा। समाज के होनहार विद्यार्थियों व उन प्रतिष्ठितजनों को सम्मानित किया जाएगा, जिन्होंने शिक्षा, खेल, समाजसेवा व अन्य गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य किया है।