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हरियाणा में गठबंधन तोडऩे के बाद भाजपा -जजपा में बढ़ी तकरार

 
  हरियाणा में गठबंधन तोडऩे के बाद भाजपा -जजपा में बढ़ी तकरार
 चंडीगढ़, 15 अप्रैल। हरियाणा में गठबंधन टूटने के बाद भाजपा और जजपा की तकरार बढऩे लगी है। नेताओं के जजपा छोडऩे के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने खुला ऑफर दे दिया है। उन्होंने कहा कि जजपा छोडऩे वाले नेता भाजपा में आ जाएं। भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है। यहां उनका फ्यूचर ज्यादा अच्छा होगा। सुभाष बराला ने कहा है कि भाजपा में शामिल होकर वह अपनी राष्ट्रवादी सोच को आगे बढ़ाने का काम कर सकते हैं। भाजपा सांसद का यह ऑफर तब आया है, जब जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह के अलावा विधायक जोगीराम सिहाग समेत लगभग डेढ़ दर्जन नेता पार्टी इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा के इस ऑफर से जजपा का संगठनात्मक ढांचा कमजोर होगा। जजपा के लिए संगठन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हरियाणा में अभी जजपा के गठन को 5 साल ही हुए हैं। ऐसे में यदि संगठन का साथ पार्टी को नहीं मिलता है तो ग्राउंड में जजपा कमजोर हो जाएगी।भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद पार्टी के काफी बड़े चेहरे पार्टी को अलविदा कह चुके हैं, जिसका डेंट पार्टी के नेता अभी तक भर नहीं पाए हैं।
हरियाणा में भाजपा के ऑफर का दूसरा असर चुनाव पर पड़ेगा। चूंकि हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बाद तुरंत ही विधानसभा चुनाव भी हैं। जजपा के पास यदि बड़े चेहरे नहीं होंगे तो चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को लेकर बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। 2019 में जजपा के संगठन के कारण ही पार्टी 10 विधानसभा सीटों को जीतकर भाजपा के साथ गठबंधन कर पाई थी और लगभग साढ़े चार साल सत्ता में रही थी।
विपक्ष के हमलों का करना होगा सामना
जजपा इन दिनों विपक्ष के निशाने पर है। इसकी वजह है कि वह पिछले साढ़े चार साल हरियाणा की सत्ता में काबिज रह चुकी है। हालांकि भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जजपा मुश्किल दौर से गुजर रही है, इन सबके बीच विपक्ष के नेता खासकर भाजपा और इ ने लो के नेता जजपा नेताओं पर तीखे हमले कर रहे हैं।
इन नेताओं पर है भाजपा की नजर
जजपा में लगभग डेढ़ दर्जन बड़े नेता जजपा छोड़ चुके हैं, इन नेताओं पर भाजपा की सीधे नजर है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके निशान सिंह, बरवाला से जजपा विधायक जोगीराम सिहाग, पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और नारनौल नगर परिषद की चेयरपर्सन कमलेश सैनी, प्रदेश महासचिव रेखा शाक्य, जज पा  प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र लेगा, प्रदेश महिला सचिव ममता कटारिया के नाम शामिल हैं। इसके अलावा भाजपा-जजपा गठबंधन के संयोजक रहे कप्तान मीनू बेनीवाल, ओम सिंह खोखरी, प्रदेश सचिव राजपाल राठी भी जजपा छोडऩे का ऐलान कर चुके हैं।
गठबंधन टूटने से नाराज विधायक
भाजपा से गठबंधन टूटने के साथ ही जजपा में मनमुटाव बढ़ा है। 10 में से 5 विधायक लगातार नाराज चल रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली, ईश्वर सिंह, रामनिवास सुरजाखेड़ा और रामकुमार गौतम शामिल हैं। जोगीराम सिहाग इनमें इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा सरकार में बदलाव के बाद जब विधानसभा में बहुमत साबित करने का वक्त आया तो जजपा ने व्हिप जारी कर विधायकों से सदन में वोटिंग में शामिल न होने को कहा था। इसके बावजूद पांचों विधायक सदन में पहुंचे थे, हालांकि कुछ देर सदन में रहने के बाद वह वापस चले गए थे।