Pal Pal India

भारतीय समाज में महिलाओं का विशेष स्थान: राज्यपाल

 
भारतीय समाज में महिलाओं का विशेष स्थान: राज्यपाल

पल पल न्यूज: चंडीगढ़, 9 मार्च।  हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि वैदों, पुराणों, ग्रंथों में महिलाओं को श्रेष्ठी के रूप में देखा गया। महिला के नाम के बाद ही पुरूष के नाम को जोड़ा गया और सीता राम और राधे श्याम कहकर बोला जाता है। यही हमारी संस्कृति है। राज्यपाल राजभवन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में महिलाओं को सम्मानित करने के दौरान बौल रहे थे। उन्होंने कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं और विशेष तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में वो लडक़ों से आगे निकल रही हैं। हरियाणा में मैं जहां भी विश्वविद्यालयों में जाता हूं तो सदैव ही लड़कियों को आगे पाता हूं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अभी लुधियाना में एक महिला ने पहली भारतीय फाइटर पायलेट बनकर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि महेन्द्रगढ़ के विश्वविद्यालय में गए जहां शिक्षा के क्षेत्र में 24 में से 18 मैडल लड़कियों ने प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि बड़े गौरव की बात है कि आज हमारे बीच में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू एक महिला राष्ट्रपति के रूप में कार्य कर रही हैं, जिन्होंने बहुत ही संघर्ष में और प्ररेणादायी जीवन जीया है। उन्होंने कामकाजी महिलाओं का आहवान करते हुए कहा कि वे शुरूआत भले ही छोटे पद से कर सकती हैं परंतु वहां रूकना नही है। अपितु अपनी शिक्षा को बढ़ाना है आगे और पढक़र बड़े पदों पर जाना है। इस बारे मेें राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से बेहतर मिशाल नही मिल सकती। उन्होंने कहा कि इतने प्रगति के बावजूद भी कई जगह लडक़ी पैदा होने पर दुख व्यक्त करते हैं और कई जगहों पर महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इनसे बचने के लिए अपने-आप को शारीरिक और शैक्षणिक तौर पर मजबूत बनाया होगा। राज्यपाल ने महिलाओं के साथ संवाद भी किया और विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाओं से बातचीत करते हुए विचार साझा किए और जीवन में उन्नति के मार्ग की राह प्रशस्त की। उन्होंने महिलाओं को शाल व  स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष  परीशा शर्मा, बाल कल्याण परिषद की मानद सचिव   रंजीता मेहता, डा. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति डा. अर्चना मिश्रा सहित समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएं उपस्थित रही।