5 अप्रैल को पूरी तरह से बंद रहेगी सिरसा अनाज मंडी: मेहता
सिरसा, 3 अप्रैल। सिरसा की मार्केट कमेटी कार्यालय के आगे आढ़ती एसोसिएशन सिरसा का धरना-प्रदर्शन आज तीसरे दिन भी जारी रहा। धरने के कारण मंडी में फसलों की बोली दोपहर 12 बजे बाद ही आरंभ हो पाई। धरने की अध्यक्षता आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता ने की। मेहता ने उपस्थित आढ़तियों को संबोधित करते हुए कहा कि गेहूं पर पूरी दामी देने तथा सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से करने की मांग पर यह धरना-प्रदर्शन चल रहा है जो पांच अप्रैल तक चलेगा। उन्होंने बताया कि 5 अप्रैल को सिरसा मंडी में पूरी तरह से हड़ताल रहेगी। आढ़ती अपना कारोबार बंद रखेंगे और फसलों की बोली भी नहीं होगी। कंडातोल हड़ताल रहेगी। इसलिए किसान भाईयों से अपील है कि वे पांच अप्रैल को मंडी में अपनी फसलें लेकर न आए ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। उन्होंने फैक्ट्री मालिकों को भी अपील की है कि वे ट्रैक्टर-ट्रॅालियों की खाली-भराई न करवाए।
उधर आज धरने-प्रदर्शन में इनेलो के नेता पहुंचे और उन्होंने आढ़तियों को पार्टी की ओर से पूरा समर्थन दिया। इनेलो जिलाध्यक्ष कश्मीर सिंह करीवाला, शहरी जिलाध्यक्ष गंगाराम बजाज, युवा जिलाध्यक्ष भगवान कोटली, हलका अध्यक्ष गुरदीप गिल, गुरदयाल मेहता धरना पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों, आढ़तियों के बीच दरार पैदा करना चाहती है। सरसों की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं की जा रही है जो सीधे=सीधे मंडियों व आढ़तियों को बर्बाद करने का एक षडयंत्र है। यदि आढ़तियों के माध्यम से फसलों की खरीद नहीं होगी तो मंडियां बंद हो जाएंगी। हजारों आढ़ती व लाखों मंडी मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे, लेकिन सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। इनेलो नेताओं ने कहा कि इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला हर समय किसानों, आढ़तियों, मजदूरों व आम लोगों के हक की आवाज उठाते रहे हैं। इस आंदोलन में भी इनेलो आढ़तियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी है। धरने की अध्यक्षता कर रहे आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता ने समर्थन देने के लिए इनेलो नेताओं का धन्यवाद किया। प्रधान मनोहर मेहता ने कहा कि सरकार आढ़तियों के साथ ज्यादती कर रही है और उनके कारोबार को बंद करने के लिए विभिन्न हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा की काफी वर्षों सें किसान, आढ़ती और मजदूर के रिश्ते को तोडऩे का सरकार प्रयास कर रही है। यदि आढ़त का काम बंद हो गया तो हरियाणा के 25000 आढ़ती और उनके साथ साथ लाखों मुनीम मजदूर भी बेरोजगार होकर अपने घरों को बैठ जायेंगे। प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ जाएगी। उन्होंने बताया पिछले काफी वर्षों से हमारा संघर्ष जारी है लेकिन सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। आढ़तियों की मांग है कि किसानों की सभी फसलें जैसे कॉटन, सरसो, सूरजमुखी,बाजरा इत्यादि और अन्य सभी फसले सरकार द्वारा एमएसपी पर आढ़तियों के माध्यम से ही खरीदी जाए और आढ़त पूरी 2.5 प्रतिशत मिलनी चाहिए जो कि गेहूं पर लगभग 57 रुपये व धान पर लगभग 56 रुपये बनती है, जबकि पिछले चार वर्षों से सरकार द्वारा गेहूं पर 46 रुपये और धान पर 45.88 रुपए फिक्स आढ़त दी जा रही है जो की बहुत कम है। उन्होंने कहा कि सरसो और कॉटन फसलें सरकार हैफेड और कॉटन कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के माध्यम से सीधे किसानों से खरीद रही है जिससे आढ़ती का कोई कमीशन नहीं बन रहा है जो कि आढ़तियों के साथ अन्याय है। इससे आढ़तियों मे बहुत रोश है। अत: सरकार से निवेदन है कि सभी फसलें आढ़तियों के माध्यम ही खरीदी जाए और पूरी 2.5 प्रतिशत आढ़त अदा की जाए या सरकार सरसों और कॉटन को भी भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत खरीद करें जिससे कि हमारी मंडिया खत्म होने से बच सकें। प्रधान मनोहर मेहता ने कहा कि पिछले 4 वर्षो से एमएसपी का भुगतान सीधे किसानों को दिया जाने लगा है। इस से आढ़तियों के साथ-साथ किसानों में बहुत रोष है। अत सरकार से निवेदन है कि सरकार द्वारा खरीदी जाने वाली सभी फसलों का भुगतान किसान की सहमति अनुसार आढ़ती या किसान के स्वयं के खाते में अदा किया जाना चाहिए। मेहता ने कहा कि यह धरना-प्रदर्शन 5 अप्रैल तक चलेगा। धरने-प्रदर्शन में एसोसिएशन के उपप्रधान प्रेम बजाज, सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष कुणाल जैन, सह सचिव महावीर शर्मा, सुशील कस्वां, सुरेंद्र मिचनाबादी, हरदीप सिंह सरकारीया, बाबा रामदास, चिमन मोंगा, विजय चौधरी, धर्मपाल जिंदल, हनीश गर्ग, अंकित अरोड़ा, संजय जैन, नरेंद्र धींगड़ा, सरदार प्रकार सिंह,राजेंद्र नंबरदार, सुधीर ललित, कृष्ण गोयल, हन्नी अरोड़ा, धर्मपाल मेहता, गुरजंट सिंह, देवराज कंबोज, राजेश बिट्टू, सुशील रहेजा कीर्ति गर्ग, राजेंद्र झीड़ीवाला, दीपक नड्डा, सुभाष मेहता, मुकेश धींगड़ा, मुकेश बंसल, ओम भूडी, बिट्टू मेहता, कृष्ण मेहता, श्याम लाल गर्ग, प्रमोद गांधी, घोटा, राजकरण भाटिया, सुधीर मेहता, जगदीश मेहता, ठेकेदार जगदेव सिंह, दीपेश जैन, सूरज भूडी, लाभ चंद कंबोज सहित अन्य आढ़ती मौजूद थे। मंडी मजदूर यूनियन की ओर से महावीर पहलवान तथा रामधारी इंदौरा ने भी अपना समर्थन दिया है।