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सिख महापंचायत में कमेटी भंग कर पुन: चुनाव का आह्वान

 
सिख महापंचायत में कमेटी भंग कर पुन: चुनाव का आह्वान 
यमुनानगर, 14 सितंबर। हरियाणा सिख समाज महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें गणमान्य लोगों ने भाग लिया। इस दौरान सरकार के हस्तक्षेप व व्यक्ति विशेष की स्वार्थसिद्धि से सरोकार रखने वाली मौजूदा हरियाणा गुरुद्वारा सिख प्रबंधक समिति का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। 
बैठक में सिख समुदाय की ओर से समाजसेवी सरबजीत सिंह बत्रा ने कहा कि वर्तमान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का अध्यक्ष भाजपा सरकार की जेब से निकला हुआ एक नुमांइदा है जो लगातार सिखी की मर्यादा का उल्लंघनकर सिख समाज की भावनाओं को आहत कर रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गुरुद्वारा सिख प्रबंधक समिति व्यक्ति विशेष या सरकार की जागीर नहीं है। अत: समिति का प्रतिनिधि व सदस्य सिख संगत के अनुसार चयनित किए जाएंगे। 
उन्होंने बताया कि इसी श्रृंखला में प्रदेश के सभी जिलों में क्रमवार पंचायतें होंगी व वर्तमान हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खिलाफ रोष मार्च भी निकाला जाएगा। 20 सितंबर को जगाधरी अनाज मंडी में सिख पंचायत रखी गई है। इस पंचायत में सिख समाज के लोगों को अधिकाधिक संख्या में पहुंचने की अपील की है। इस अवसर पर जगदीप सिंह औलख करनाल, मनदीप सिंह रोडछपर, बलजिंद्र सिंह चिडिय़ाला, अमृतपाल सिंह बुग्गा, सरबजीत सिंह यमुनानगर, जसप्रीत सिंह बडोली, मनजीत सिंह अंबाला, जयसिंह जलबेड़ा, गुरलाल सिंह द्वारा मौजूदा हालात पर अपने विचार व्यक्त किए गए। 
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव हेतु वोट बनाने का ऐलान हरियाणा सरकार द्वारा किया गया। पर अभी तक किसी संबंधित अधिकारी द्वारा इस दिशा में काम नही किया गया। बैठक में कहा गया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर घर जाकर सिख संगत की वोट बनाई जाए ताकि समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों का चयन सिख समुदाय की मर्यादा के अनुकूल हो सके। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सिखों की स्वतंत्र धार्मिक संस्था है। समिति की कार्यप्रणाली व चयन प्रक्रिया में सरकार या किसी भी राजनैतिक दल की दखलंदाजी सिख समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। 
िजगदीप सिंह औलख, मनदीप सिंह रोड छप्पर व सिख समाज के लोगों ने सरकार द्वारा बनाई गई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भंग करने की मांग की है। साथ ही कहा कि दिसंबर से पूर्व चुनाव जरिए नई हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया जाए। हालांकि प्रदेश सरकार ने सिख संगत की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए सीएम ने आरएसएस के दो चेहरों से इस्तीफा ले लिया है परंतु राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते कमेटी में भाजपा व आरएसएस का हस्तक्षेप सिख संगत कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।