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जिला परिषद सफाई घोटाले में एक्सिएन, एसडीओ व अकाउंटेंट सहित सात गिरफ्तार

 

प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से हुई गिरफ्तारी, अभी और भी हो सकती है गिरफ्तारियां
 
  जिला परिषद सफाई घोटाले में एक्सिएन, एसडीओ व अकाउंटेंट सहित सात गिरफ्तार
 

एबीसी की 10 टीमें कर रही थी मामले की जांच
कैथल, 28 मई  कैथल में हुए जिला परिषद सफाई घोटाले में मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने एक्सिएन, एसडीओ व अकाउंटेंट के साथ मामले में संलिप्त चार ठेकेदारों को गिरफ्तार किया है। एबीसी की टीमें गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ कर रही हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने कैथल के विधायक लीलाराम की शिकायत पर यह कार्रवाई की है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में जिला घोटाले के समय कैथल में एसडीओ रहे रोहतक के तत्कालीन पंचायती राज के एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत के साथ इसी मामले में पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश व पुंडरी निवासी अनिल पुत्र शशि भूषण शामिल है। इस मामले में पिछले करीब चार साल से एसीबी की 10 टीमें जांच में जुटी हुई थी। इसमें नौ इंस्पेक्टर सहित दो डीएसपी जांच में जुटे हैं।
पूरे मामले में एसीबी के डीजीपी अभिताभ ढिल्लों व अंबाला के एसपी कुशल के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई है। जबकि इस मामले में डीएसपी पवन और ओमप्रकाश भी जांच कर रहे हैं। एबीसी ने सफाई घोटाले में 27 मई को आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी व भ्रष्टाचार अधिनियम 13 ए 13 वन बी व13(2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। गिरफ्तार किए गए सभी अधिकारियों व ठेकेदारों को बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
फर्जी बिल बनाकर अपने खाते में कराई पेमेंट
एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि करोना काल के दौरान (2020-21) में कैथल जिला परिषद आई ग्रांट में 16 करोड़ 31 लाख रुपए की ग्रांड आई थी। जिसमें से 10 करोड रुपए सफाई के लिए खर्च किए जाने थे।
एसडीओ ने लिए 78 लाख, जेई के हिस्से आए 26 लाख
मामले की जांच कर रहे एंटी करप्शन ब्यूरो के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि जिप के पूर्व डिप्टी सीईओ जसविंद्र इसके मुख्य आरोपी हैं। इन आरोपियों ने फर्जी बिल बनाकर राशि पास करवाई थी और बाद में गांवों में काम न करवा उसे अपने खातों में डाल दिया था। जांच के दौरान सामने आया है कि घोटाले की कुल रकम में से तत्कालीन एक्सिएन और घोटाले के समय कैथल में एसडीओ रहे नवीन के खाते में 78 लाख रुपए, जेई जसबीर के खाते में 26 लाख 89 हजार रुपए, ठेकेदार दिलबाग ढुल खाते में एक करोड़ 62 लाख रुपए, अभय सिंधु के खाते में 47 लाख रुपए, अनिल गर्ग के खाते में 67 लाख रुपए व राजेश गर्ग के खाते में 41 लाख रुपए डाले गए। एबीसी घोटाले की रकम बरामद करने में लगी हुई है। कैथल के विधायक लीलाराम ने कहा कि सरकार किसी भी भ्रष्टाचारी को नहीं बक्शेगी।