अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की टीम रतिया में विवादित स्थल पर पहुंची, अधिकारियों को जमकर लगाई फटकार
Jul 23, 2024, 20:29 IST
फतेहाबाद, 23 जुलाई जिले के शहर रतिया में तीन दिन पहले नगर पालिका प्रशासन द्वारा अग्रवाल धर्मशाला के पास छुड़वाए गए कब्जे के मामले में मंगलवार को अनुसूचित जाति आयोग की एक टीम चेयरमैन प्रो.रविंद्र बलियाला के नेतृत्व में विवादित स्थल पर पहुंची और इस जमीन पर धरना देकर बैठे लोगों के बीच नगरपालिका अधिकारियों को खड़ा कर जमकर फटकार लगाई। इस दौरान अधिकारी काफी असहज नजर आए।
टीम ने माना कि यहां कब्जा हटाने से पहले उन्हें बसाने की कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने परिवारों के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि परिवारों के साथ ज्यादती हुई है और इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी। आयोग की टीम ने नगरपालिका अधिकारियों से जमीन संबंधित पूरा रिकॉर्ड मांगा और परिवारों से पुलिस द्वारा मारपीट के आरोपों के संबंध में पुलिस कर्मियों की भी पूरी जानकारी ली। टीम ने अब अधिकारियों को 29 जुलाई को पूरे रिकॉर्ड सहित तलब किया है।
मिली जानकारी के अनुसार वार्ड नं. 9 रतिया में अग्रवाल धर्मशाला के पीछे 3 कनाल 3 मरले जमीन पर पिछले कई सालों से बावरिया समाज के 10-12 परिवार काबिज है। यह जमीन नगरपालिका के अधीन आती है इसलिए इस जगह को खाली करवाने को लेकर तीन दिन पहले भारी पुलिस बल सहित नगरपालिका की टीम मौके पर पहुंची और यहां बने कच्चे मकानों को ढहाना शुरू कर दिया। इस पर वहां काबिज लोगों ने जेसीबी के आगे लेटकर प्रदर्शन किया और महिलाओं की हालत बिगडऩी शुरू हो गई। इस पर लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया था।
इसी दौरान हलकी लाठियां चली तो एक-दो महिलाओं को चोटें लगी, जबकि पुलिस कर्मी को भी मामूली चोटें लगी थी। इसके बाद किसान संगठनों व अन्य संगठनों से जुड़े लोगों ने आगे आकर कार्रवाई का विरोध किया विवादित स्थल के पास ही धरना शुरू कर सरकार के प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए प्रशासन द्वारा गिराए गए आशियानों के स्थान पर ही चारदीवारी बनाकर वहा तंबू लगाकर उन्हें उसे स्थान पर बसाने का कार्य शुरू कर दिया। इन लोगों ने प्रशासन को 31 जुलाई तक पीडि़त परिवारों को न्याय देने की चेतावनी देते हुए अनिश्चितकालीन कालीन धरना शुरू कर दिया।
मामले के मीडिया की सुर्खिया बनते ही मामला मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचा तथा अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया। मंगलवार को चेययरमैन रविंद्र बलियाला, उपाध्यक्ष विजय बडग़ुर्जर, सदस्य रवि तारावाली, रतनलाल बामनिया मौके पर पहुंचे और धरनारत लोगों के बीच खड़े होकर पूरी जानकारी ली।
टीम ने माना कि यहां कब्जा हटाने से पहले उन्हें बसाने की कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने परिवारों के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि परिवारों के साथ ज्यादती हुई है और इस मामले में सख्त कार्रवाई होगी। आयोग की टीम ने नगरपालिका अधिकारियों से जमीन संबंधित पूरा रिकॉर्ड मांगा और परिवारों से पुलिस द्वारा मारपीट के आरोपों के संबंध में पुलिस कर्मियों की भी पूरी जानकारी ली। टीम ने अब अधिकारियों को 29 जुलाई को पूरे रिकॉर्ड सहित तलब किया है।
मिली जानकारी के अनुसार वार्ड नं. 9 रतिया में अग्रवाल धर्मशाला के पीछे 3 कनाल 3 मरले जमीन पर पिछले कई सालों से बावरिया समाज के 10-12 परिवार काबिज है। यह जमीन नगरपालिका के अधीन आती है इसलिए इस जगह को खाली करवाने को लेकर तीन दिन पहले भारी पुलिस बल सहित नगरपालिका की टीम मौके पर पहुंची और यहां बने कच्चे मकानों को ढहाना शुरू कर दिया। इस पर वहां काबिज लोगों ने जेसीबी के आगे लेटकर प्रदर्शन किया और महिलाओं की हालत बिगडऩी शुरू हो गई। इस पर लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया था।
इसी दौरान हलकी लाठियां चली तो एक-दो महिलाओं को चोटें लगी, जबकि पुलिस कर्मी को भी मामूली चोटें लगी थी। इसके बाद किसान संगठनों व अन्य संगठनों से जुड़े लोगों ने आगे आकर कार्रवाई का विरोध किया विवादित स्थल के पास ही धरना शुरू कर सरकार के प्रशासन के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए प्रशासन द्वारा गिराए गए आशियानों के स्थान पर ही चारदीवारी बनाकर वहा तंबू लगाकर उन्हें उसे स्थान पर बसाने का कार्य शुरू कर दिया। इन लोगों ने प्रशासन को 31 जुलाई तक पीडि़त परिवारों को न्याय देने की चेतावनी देते हुए अनिश्चितकालीन कालीन धरना शुरू कर दिया।
मामले के मीडिया की सुर्खिया बनते ही मामला मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचा तथा अनुसूचित जाति आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लिया। मंगलवार को चेययरमैन रविंद्र बलियाला, उपाध्यक्ष विजय बडग़ुर्जर, सदस्य रवि तारावाली, रतनलाल बामनिया मौके पर पहुंचे और धरनारत लोगों के बीच खड़े होकर पूरी जानकारी ली।