Pal Pal India

सरपंचों का सरकार के खिलाफ फतेहाबाद में प्रदर्शन​​​​​​​

 
सरपंचों की मांगें न मानीं तो लोकसभा चुनावों में पंचायतें करेंगी भाजपा का विरोध: रणबीर सिंह
 
  सरपंचों का सरकार के खिलाफ फतेहाबाद में प्रदर्शन​​​​​​​
फतेहाबाद, 1 फरवरी  सरपंच एसोसिएशन के आह्वान पर फतेहाबाद के विभिन्न गांवों के सरपंचों ने गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर फतेहाबाद में रोष प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने किया, वहीं संचालन फतेहाबाद ब्लाक प्रधान सीताराम पूनियां व दलबीर वर्मा मताना ने किया। प्रदर्शन के दौरान सरपंचों ने प्रदेश सरकार और पंचायत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सरपंचों ने अतिरिक्त उपायुक्त को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार ने लोकसभा चुनावों से पूर्व सरपंचों की मांगों को नहीं माना तो आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों से भाजपा का विरोध किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान सरपंचों ने पंचायत मंत्री पर हाऊस रिपेयर के नाम पर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए और प्रदेश सरकार से इस मामले में जांच की मांग की।
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर सिंह गिल ने कहा कि भाजपा सरकार आएदिन सरपंचों को लेकर तानाशाही फरमान जारी कर रही है। पहले ई-टेंडरिंग, फिर राइट टू रिकॉल और अब फंड खर्च न करने वाली पंचायतों पर कार्रवाई की बात कहकर भाजपा सरकार अपनी कमजोरियों को छिपाना चाहती है। गांवों में विकास न होने की बात कहकर पंचायतों को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों के पिछले 6-6 महीनों से विकास कार्यों के टेंडर नहीं लग रहे। सरपंचों से सरकार ने सारे अधिकार छीन लिए हैं। ई-टेंडरिंग को भ्रष्टाचार की जननी बताते हुए रणबीर सिंह गिल ने कहा कि प्रदेश सरकार और उसके मंत्री केवल अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें ठेके दिला रहे हैं। ऐेस में पंचायतों में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। फतेहाबाद जिले में 90 प्रतिशत टेंडर मंत्री के चहेते ठेकेदारों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पंचायतों के हाथ बांध दिए हैं लेकिन सरपंचों के पास जितने अधिकार है, उसी हिसाब से वे गांवों में काम करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सरपंचों को पूरे अधिकार दे तो सरपंच गांवों को चमका देंगे। पंचायत मंत्री पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हाऊस रिपेयर के लिए जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल रहा जबकि मंत्री के चहेतों के खाते में हाऊस रिपेयर के नाम पर लाखों रुपये डाले जा रहे हैं। सरकार इस भ्रष्टाचार की तुरंत जांच करवाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतें एकजुट हैं और गांव-देहात को बचाने की लड़ाई लड़ रही हैं।




प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में सरपंचों ने संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार पूर्ण रूप से देने, राइट टू रिकॉल व ई-टेंडरिंग जैसे फरमान निरस्त करने व पंचायतों के प्रस्ताव में विधायक कोई हस्तक्षेप बंद करने की मांग की। पंचायत अपना कार्य करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होनी चाहिए।