डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब ने छोड़ा जिस्मानी चोला
वसीयत व गद्दी को लेकर चली गोली,पुलिस तैनात
Aug 1, 2024, 20:41 IST
कालांवाली
सिरसा के जगमालवाली स्थित डेरा मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम के गद्दीनशीन संत बहादुर चंद वकील साहब ने देह त्याग दी है। उनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। वीरवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को डेरा जगमाल वाली आश्रम में लाया गया। संत वकील साहब के देहांत की सूचना मिलते ही दूरदराज के क्षेत्र से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित होनी शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार डेरा जगमालवाली के गद्दीनशीन संत वकील साहब ने अभी तक उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया है और न ही किसी के नाम वसीयत किए जाने की सूचना है । पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं ने लाइन लगाकर श्रद्धापूर्वक दर्शन किए। इसी दौरान संत वकील साहब के इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों के साथ कुछ अन्य सेवादारों की नोक झोंक हो गई। बात बढ़ते बढ़ते मार पिटाई तक पहुंच गई बचाव के एक प्रमुख सेवादार के भाई ने पिस्तौल से गोली चला दी। गोली चलते ही कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। मौके पर तैनात पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करते हुए प्रमुख सेवादारों को भीड़ से अलग ले गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने धैर्य व संयम बरसते हुए लाइन बनाकर संत वकील साहब के पार्थिव शरीर के दर्शन करने शुरू कर दिए। डेरा से जुड़े वर्षों पुराने श्रद्धालुओं ने माइक के माध्यम से शांति बनाए रखने की कामना की। उन्होंने बताया कि वकील साहब लगभग डेढ़ वर्ष तक बीमार रहे इस दौरान इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों की टीम ने अन्य सेवादारों को नहीं मिलने दिया बल्कि संत वकील साहब के रिश्तेदारों से वीडियो वायरल करवाई गई जिसमें उनसे कहलवाया गया कि संत वकील साहब की तबीयत ठीक है। अन्य प्रमुख सेवादारों ने सवाल करते हुए कहा कि वकील साहब की तबीयत ठीक होती तो उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती क्यों रखा गया। मंच पर बोलते हुए डेरा के सेवादार अमर सिंह बिश्नोई ने इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों का नाम लेते हुए कहा कि संत वकील साहब पर वसीयत व गद्दी को लेकर दबाव बनाया गया है और अनावश्यक दबाव बनाकर डेरा का वारिस अपने नाम दर्ज करवाने का अंदेशा है। अमर सिंह ने कहा कि संत वकील साहब ने किसी को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है जबकि इक्का -दुक्का प्रमुख सेवादारों ने बिना किसी की सहमति के वसीयत दर्ज करवाई है जिसकी प्रशासनिक जांच करवाई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि डेरा जगमालवाली की गद्दी को लेकर पिछले कई दिनों से वीडियो वायरल हो रहे हैं। उधर इस बारे में डेरा जगमालवाली आश्रम के प्रमुख सेवादारों में वीरेंद्र ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो मात्र अफवाह है जिनमें कोई भी सच्चाई नहीं है वही ट्रस्टी नंदलाल ग्रोवर ने कहा कि संत वकील साहब आज चोला छोड़ चुके हैं इसलिए वे कुछ भी कहने के सक्षम नहीं है ।
डेरा में बैठकों का दौरा:
डेरा जगमालवाली में पुलिस व प्रशासन तैनात है । एसपी दीप्ति गर्ग डबवाली पूरी फोर्स के साथ निगरानी रखे हुए हैं । पार्थिव शरीर के दर्शन कल 2 बजे तक होंगे ।
सिरसा के जगमालवाली स्थित डेरा मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम के गद्दीनशीन संत बहादुर चंद वकील साहब ने देह त्याग दी है। उनका दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था। वीरवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को डेरा जगमाल वाली आश्रम में लाया गया। संत वकील साहब के देहांत की सूचना मिलते ही दूरदराज के क्षेत्र से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित होनी शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार डेरा जगमालवाली के गद्दीनशीन संत वकील साहब ने अभी तक उत्तराधिकारी नियुक्त नहीं किया है और न ही किसी के नाम वसीयत किए जाने की सूचना है । पार्थिव शरीर के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं ने लाइन लगाकर श्रद्धापूर्वक दर्शन किए। इसी दौरान संत वकील साहब के इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों के साथ कुछ अन्य सेवादारों की नोक झोंक हो गई। बात बढ़ते बढ़ते मार पिटाई तक पहुंच गई बचाव के एक प्रमुख सेवादार के भाई ने पिस्तौल से गोली चला दी। गोली चलते ही कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। मौके पर तैनात पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करते हुए प्रमुख सेवादारों को भीड़ से अलग ले गई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने धैर्य व संयम बरसते हुए लाइन बनाकर संत वकील साहब के पार्थिव शरीर के दर्शन करने शुरू कर दिए। डेरा से जुड़े वर्षों पुराने श्रद्धालुओं ने माइक के माध्यम से शांति बनाए रखने की कामना की। उन्होंने बताया कि वकील साहब लगभग डेढ़ वर्ष तक बीमार रहे इस दौरान इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों की टीम ने अन्य सेवादारों को नहीं मिलने दिया बल्कि संत वकील साहब के रिश्तेदारों से वीडियो वायरल करवाई गई जिसमें उनसे कहलवाया गया कि संत वकील साहब की तबीयत ठीक है। अन्य प्रमुख सेवादारों ने सवाल करते हुए कहा कि वकील साहब की तबीयत ठीक होती तो उन्हें अस्पताल में लंबे समय तक भर्ती क्यों रखा गया। मंच पर बोलते हुए डेरा के सेवादार अमर सिंह बिश्नोई ने इक्का दुक्का प्रमुख सेवादारों का नाम लेते हुए कहा कि संत वकील साहब पर वसीयत व गद्दी को लेकर दबाव बनाया गया है और अनावश्यक दबाव बनाकर डेरा का वारिस अपने नाम दर्ज करवाने का अंदेशा है। अमर सिंह ने कहा कि संत वकील साहब ने किसी को उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है जबकि इक्का -दुक्का प्रमुख सेवादारों ने बिना किसी की सहमति के वसीयत दर्ज करवाई है जिसकी प्रशासनिक जांच करवाई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि डेरा जगमालवाली की गद्दी को लेकर पिछले कई दिनों से वीडियो वायरल हो रहे हैं। उधर इस बारे में डेरा जगमालवाली आश्रम के प्रमुख सेवादारों में वीरेंद्र ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो मात्र अफवाह है जिनमें कोई भी सच्चाई नहीं है वही ट्रस्टी नंदलाल ग्रोवर ने कहा कि संत वकील साहब आज चोला छोड़ चुके हैं इसलिए वे कुछ भी कहने के सक्षम नहीं है ।
डेरा में बैठकों का दौरा:
डेरा जगमालवाली में पुलिस व प्रशासन तैनात है । एसपी दीप्ति गर्ग डबवाली पूरी फोर्स के साथ निगरानी रखे हुए हैं । पार्थिव शरीर के दर्शन कल 2 बजे तक होंगे ।