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जिला परिषदों को दिया 110 करोड़ रुपए का बजट: मुख्यमंत्री

 
जिला परिषदों को दिया 110 करोड़ रुपए का बजट: मुख्यमंत्री 

पल पल न्यूज: चंडीगढ़, 6 मार्च। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जिला परिषदें ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ कार्य करवाएं, विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। हर जिले के सौंदर्यीकरण के लिए बेहतर योजनाएं बनाएं, जिनका नागरिकों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री आज यहां डीपीएम, चेयरमैन जिला परिषद, व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ जिला परिषदों का सशक्तिकरण, फण्ड बढ़ोतरी एवं उनके कार्य को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली भी मौजूद रहे।

पंचायती राज संस्थाओं को ओर अधिक मजबूत करेगी सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं को ओर अधिक मजबूत बनाना चाहती है। इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं को अधिक अधिकार दिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सभी जिला परिषदें अपने कार्यालय भवन का निर्माण करवाएं ताकि हर जिले में जिला परिषदों का अपना अलग से कार्यालय भवन हो। जिला परिषदों में अलग से इंजीनियरिंग विंग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की तर्ज पर जिला परिषदों को सशक्त किया जाएगा, जिनका अपना करोड़ों रुपए का बजट होगा और वे स्वतंत्र निर्णय लें सकेंगी। उन्होंने कहा कि जिला परिषदों को 110 करोड़ रुपए का बजट अलाट किया गया है वह जल्द खर्च करें ताकि अगले वित वर्ष में और अधिक बजट अलाट किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदें बस क्यू शैल्टर, ई-लाईब्रेरी बनाने जैसे कार्य करें। इसके अलावा शिवधाम योजना के तहत रास्ते, चारदिवारी, शैड एवं उसमें पेयजल का कार्य करवाएं। उन्होंने कहा कि खेत खलियान योजना के तहत आने वाले कार्य भी जिला परिषदें ही करेंगी। हर ब्लॉक में अधिक आबादी वाले 5 गांवों में स्ट्रीट लाईटें लगाने, ग्रामीण क्षेत्र की पीएचसी, स्कूल मरम्मत व 5 करम के रास्तों को पक्का बनाने का कार्य भी करें।

गांवों में सफाई व्यवस्था पर विशेष बल दे

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला परिषदें आंगनवाड़ी भवन बनाने तथा उनके रखररखाव के कार्य के साथ मिड डे मिल योजना की मोनिटरिंग कर फीडबैक देने का कार्य करें। स्वच्छता अभियान के लिए घर घर कूड़ा एकत्र करने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू की जाए। इसके लिए सभी नागरिकों का सहयोग लेकर सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत बायो डिग्रेडेबल व नॉन बायोडिग्रेडेबल कूड़े का अलग अलग निष्पादन करवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक अगले माह तथा जिला परिषदों के चेयरमैनों की बैठक अगले तीन माह में अवश्य की जाएगी। इन बैठकों में सुझाव भी लिए जाएगें। बैठक में एसीएस अनिल मलिक, प्रधान सचिव विजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, मार्केटिंग बोर्ड के मुख्य प्रशासक मुकेश आहूजा, पशुपालन विभाग की सचिव अमनीत पी कुमार, महानिदेशक विकास एवं पंचायत संजय जून सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।