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गठबंधन सरकार की नाक तले हो गया 100 करोड़ का घोटाला:कुमारी सैलजा

कहा-सांप निकलने के बाद अब लकीर पीटने में लगी है सरकार 
 
 गठबंधन सरकार की नाक तले हो गया 100 करोड़ का घोटाला:कुमारी सैलजा 
 
एक साल पहले एसीबी से की गई थी घोटाले की शिकायत, पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
चंडीगढ़, 07  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस कार्य समिति की सदस्य, हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि गठबंधन सरकार की नाक तले सहकारिता विभाग में 100 करोड़  रुपये का घोटाला हो गया और सरकार को भनक तक नहीं लगी, ऐसा कैसे हो सकता है? अगर एक साल पहले पानीपत के एक वकील की शिकायत पर एसीबी ने कार्रवाई की होती तो घोटाला पहले ही पकड़ में गया होता। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर इसकी जांच करवाई जाएगी और इस घोटाले के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनसे एक-एक रुपए की वसूली की जाएगी।
मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा सहकारिता विभाग में 100 करोड़ के घोटाले की जड़ें करनाल तक जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार आने के बाद से ऐसा कोई विभाग नहीं बचा, जहां घोटाले न हुए हो। कभी शराब घोटाला, कभी धान घोटाला और न जाने कौन कौन से घोटाले हुए, सरकार सभी घोटालों में जांच का नाटक करती रही पर आज तक किसी घोटाले में किसी पर कोई कार्रवाई नही हुई। सरकार अपने लोगों को बचाने में लगी रही, जब जनता जानती है कि घोटालों में कौन कौन शामिल था तो सरकार कैसे नहीं जान पाई। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के 100 करोड़ रुपये के घोटालों की जड़े करनाल तक फैली हुई है सबसे अहम बात ये है कि भाजपा की सरकार बनने से लेकर आज तक मुख्यमंत्री खुद करनाल से विधायक हैं। उन्होंने कहा कि जब घोटाला उजागर होता है तो सरकार जांच का हवाला देकर जनता को गुमराह करने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि किसी भी घोटाले में दोषियों पर कोई कार्रवाई न होने पर ऐसा लगता है कि भाजपा खुद ही घोटाला कर रही है या फिर घोटाले करने वाले मंत्री, अधिकारियों को संरक्षण दे रही है, ये जांच का विषय है। इस घोटाले में मंत्री और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग का घोटाला रेवाडी से शुरू हुआ है और मंत्री भी रेवाडी के ही रहने वाले हैं। इस घोटाले के शिकायतकर्ता ने 25 बार आरटीआई लगाई थी पर उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया था वर्ना पहले ही घोटाला उजागर हो गया होता। ये सरकार सांप निकलने के बाद लकीर पीटती ही रह जाती है।