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डिजिटल के चक्कर में दोहरे फंसे रोडवेज कंडक्टर

 
 डिजिटल के चक्कर में दोहरे फंसे रोडवेज कंडक्टर
 रानियां 23 अप्रैल

प्रदेश सरकार ने कई सरकारी विभागों को डिजिटल इंडिया से जोड़ने के लिए करोड़ों रुपए की धनराशि खर्च की है मगर रोडवेज विभाग में डिजिटल का लाभ न मिलकर कंडक्टर दोहरे मकड़जाल में फंसे हुए हैं । कुल मिलाकर डिजिटल मशीन से कंडक्टरों का काम आसान होने की बजाय मुश्किल हो गया है । सिरसा डिपो केकई कंडक्टरों ने बताया कि टिकट काटने के लिए विभाग की ओर से उन्हें डिजिटल मशीन दी गई है इसके साथ-साथ प्रिंटिड  टिकट भी दी जा रही है मैन्युअल टिकटों के कारण उनका काम आसान होने की बजाय मुश्किल में पड़ गया है । परिचालकों ने बताया कि डिजिटल मशीन के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां हैं इसके कारण विभाग द्वारा उन्हें मैन्युअल टिकट भी दी जा रही है जिसका हिसाब किताब रखने के लिए उन्हें बक्सा बनाना पड़ता है और उसका मिलान डिजिटल मशीन से भी करवाना अनिवार्य है । उन्होंने बताया कि वे डिजिटल मशीन से सवारियों को टिकट दे देते हैं लेकिन शाम को लेखा-जोखा पूरा करने के लिए डिजिटल मशीन को ऑनलाइन करते हैं तो मैन्युअल टिकटों का हिसाब अनिवार्य बताया जा रहा है इसके बिना लेखा-जोखा संपूर्ण नहीं हो पा रहा ।परी चालकों की मांग है कि डिजिटल मशीन के सॉफ्टवेयर को अपडेट करवा कर मैन्युअल टिकटों को हटाया जाए ताकि उन्हें दोहरी कार्य प्रणाली से ना गुजरना पड़े । दोहरी कर प्रणाली से उनका समय अधिक व्यर्थ होता है । इस बारे में रोडवेज विभाग के ट्रैफिक इंचार्ज राकेश कुमार ने बताया कि यह मामला मुख्यालय से संबंधित है तथा इस मैटर पर सॉफ्टवेयर टीम काम कर रही है जल्दी ही डिजिटल मशीन से सारा कार्य संपूर्ण हो जाएगा