अपनी घोषणाओं को याद कर अमलीजामा पहनाओ मुख्यमंत्री जी
एक-दो को छोडक़र अन्य को फाइलों में कैद कर दिया अधिकारियों ने
Sep 15, 2023, 13:32 IST

सिरसा, 15 सितंबर। धर्मनगरी सिरसा का इसे दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि इसके नाम पर राजनीति बहुत ज्यादा होती है और काम कम होता है, सरकारें आती है और जनता के हाथों में आश्वासनों का झुनझुना थमाकर चली जाती हैं और जनता है कि आज भी झुनझुना बजा रही है पर न तो शासन को सुनाई दे रहा है और न ही प्रशासन को।
मुख्यमंत्रियों ने सिरसा जिला खासकर नगर को लेकर न जाने क्या-क्या घोषणाएं की पर उनको अमली जामा नहीं नहनाया, जो छोटी मोटी थी उन्हें पूरा करके एक ही राग अलापा जा रहा है कि हमने जो कहा वह किया। जो बड़ी घोषणाएं थी उन पर एक दो को छोडक़र बाकी फाइलों में कै द करके रख दी। नगर से बाहर अनाजमंडी, सब्जीमंडी और लक्कडमंडी ने जाने का काम शुरू हो चुका है तो दूसरी ओर नगर परिषद के नए भवन के लिए सरकार बजट स्वीकृत कर चुकी है पर मल्टी शॉपिंग कांप्लेक्स, मल्टी पार्किंग आज भी फाइलों में बंद है।
सिरसा जिला औद्योगिक दृष्टि से सबसे पिछडा़ हुआ जिला है। यह पूरी तरह से खेती पर आश्रित है, सबसे ज्यादा गेहूं, कपास और किन्नू पैदा करता है बावजूद इसके कोई कृषि आधारित बड़ा उद्योग भी नहीं है। इस सीट से दो विधायक उद्योग मंत्री रहे पर उन्होंने भी कभी इस दिशा में काम नहीं किया। सरकारें आती रही जाती रही, घोषणाएं करती रही और घोषणाएं करके भूलती रही यही सरकार का कामकाज रहा। पुराना डीसी कार्यालय, पुराना सदर थाना व नहर क ालोनी को एक करके वहां पर मल्टी शॉपिंग कांप्लेक्स और मल्टी पार्किंग बनाने की योजना था। पहली बार 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने घोषणा की। वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ.भजन लाल भी यही घोषणा की और उसके बाद 2015 में मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यही घोषणा की। इतना ही नहीं सरकार ने नहर विभाग को इसके बदले 10 एकड़ भूमि दी जिसे बाद में यानि 2016-17 में डी नोटिफ ाइड कर दिया गया यानि या तो सरकार की नीयत ठीक नहीं रही या अधिकारियों की नीयत खराब हो गई। यह घोषणा आज भी सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है। अगर मुख्यमंत्री इस घोषणा पर अमल करवाते है तो यह नगरवासियों को बड़ा तौहफा होगा।
दूसरा सिरसा में मेडिकल कालेज को लेकर सरकार ने जनता को अभी तक भ्रम में रखा हुआ है या सरकार बहुत धीमी गति से इस पर काम करना चाहती है। मेडिकल कालेज के लिए कृषि फार्म की करीब 22 एकड़ भूमि लेकर उसे पर प्रस्तावित मेडिकल कालेज का बोर्ड लगा दिया गया है, इतना ही नहीं 29 नवंबर 2022 को कुरूक्षेत्र में एक कार्यक्रम में पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से इसका शिलान्यास तक करवा दिया गया पर उसके बाद क्या हुआ न तो अधिकारियों को पता है और न ही जनता को बताया गया, जनता के समक्ष एक ही बात कही जाती रही कि इसके लिए बजट निर्धारित कर दिया गया है कोई कहता है कि टेंडर भी दे दिया गया है पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री चाहे तो इस कार्यक्रम को जल्द अंजाम तक पहुंचाकर अपनी घोषणा को पूरा कर सकते हैं। दूसरी ओर हिसार रोड से बाजेकां होते हुए भादरा रोड तक मिनी बाइपास का मुद्दा भी फाइलों में कैद है जिसे फाइलों से बाहर निकालना होगा।
उधर नगर परिषद सिरसा पिछले 40 सालों से अपने भवन के लिए इधर से उधर भटक रही थी पर सरकार ने इस घोषणा का अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। कचहरी रोड पर पुराने भवन में ही नगर परिषद कार्यालय का नया भवन बनाया जाएगा जिसके लिए 17 करोड़ मंजूर हो चुके है, पीडब्ल्यूडी को कंडम भवन को गिराने का जिम्मा सौंपा गया है। पुराने भवन में बनने वाला नगर परिषद का नया भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। भवन में नगर परिषद कार्यालय से जुड़े सभी विभागों के लिए अलग अलग कमरे बनाए जाएंगे। नए भवन का नक्शा तैयार किया जा रहा है। करीब 17 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन को लेकर टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और प्रयास रहेगा कि 2024 तक नगर परिषद का नया भवन बनकर तैयार हो जाए। बताया तो यह भी जा रहा है कि नये भवन में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था बेहतर ढंग से बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
मुख्यमंत्रियों ने सिरसा जिला खासकर नगर को लेकर न जाने क्या-क्या घोषणाएं की पर उनको अमली जामा नहीं नहनाया, जो छोटी मोटी थी उन्हें पूरा करके एक ही राग अलापा जा रहा है कि हमने जो कहा वह किया। जो बड़ी घोषणाएं थी उन पर एक दो को छोडक़र बाकी फाइलों में कै द करके रख दी। नगर से बाहर अनाजमंडी, सब्जीमंडी और लक्कडमंडी ने जाने का काम शुरू हो चुका है तो दूसरी ओर नगर परिषद के नए भवन के लिए सरकार बजट स्वीकृत कर चुकी है पर मल्टी शॉपिंग कांप्लेक्स, मल्टी पार्किंग आज भी फाइलों में बंद है।
सिरसा जिला औद्योगिक दृष्टि से सबसे पिछडा़ हुआ जिला है। यह पूरी तरह से खेती पर आश्रित है, सबसे ज्यादा गेहूं, कपास और किन्नू पैदा करता है बावजूद इसके कोई कृषि आधारित बड़ा उद्योग भी नहीं है। इस सीट से दो विधायक उद्योग मंत्री रहे पर उन्होंने भी कभी इस दिशा में काम नहीं किया। सरकारें आती रही जाती रही, घोषणाएं करती रही और घोषणाएं करके भूलती रही यही सरकार का कामकाज रहा। पुराना डीसी कार्यालय, पुराना सदर थाना व नहर क ालोनी को एक करके वहां पर मल्टी शॉपिंग कांप्लेक्स और मल्टी पार्किंग बनाने की योजना था। पहली बार 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने घोषणा की। वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ.भजन लाल भी यही घोषणा की और उसके बाद 2015 में मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यही घोषणा की। इतना ही नहीं सरकार ने नहर विभाग को इसके बदले 10 एकड़ भूमि दी जिसे बाद में यानि 2016-17 में डी नोटिफ ाइड कर दिया गया यानि या तो सरकार की नीयत ठीक नहीं रही या अधिकारियों की नीयत खराब हो गई। यह घोषणा आज भी सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है। अगर मुख्यमंत्री इस घोषणा पर अमल करवाते है तो यह नगरवासियों को बड़ा तौहफा होगा।
दूसरा सिरसा में मेडिकल कालेज को लेकर सरकार ने जनता को अभी तक भ्रम में रखा हुआ है या सरकार बहुत धीमी गति से इस पर काम करना चाहती है। मेडिकल कालेज के लिए कृषि फार्म की करीब 22 एकड़ भूमि लेकर उसे पर प्रस्तावित मेडिकल कालेज का बोर्ड लगा दिया गया है, इतना ही नहीं 29 नवंबर 2022 को कुरूक्षेत्र में एक कार्यक्रम में पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से इसका शिलान्यास तक करवा दिया गया पर उसके बाद क्या हुआ न तो अधिकारियों को पता है और न ही जनता को बताया गया, जनता के समक्ष एक ही बात कही जाती रही कि इसके लिए बजट निर्धारित कर दिया गया है कोई कहता है कि टेंडर भी दे दिया गया है पर काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है, मुख्यमंत्री चाहे तो इस कार्यक्रम को जल्द अंजाम तक पहुंचाकर अपनी घोषणा को पूरा कर सकते हैं। दूसरी ओर हिसार रोड से बाजेकां होते हुए भादरा रोड तक मिनी बाइपास का मुद्दा भी फाइलों में कैद है जिसे फाइलों से बाहर निकालना होगा।
उधर नगर परिषद सिरसा पिछले 40 सालों से अपने भवन के लिए इधर से उधर भटक रही थी पर सरकार ने इस घोषणा का अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। कचहरी रोड पर पुराने भवन में ही नगर परिषद कार्यालय का नया भवन बनाया जाएगा जिसके लिए 17 करोड़ मंजूर हो चुके है, पीडब्ल्यूडी को कंडम भवन को गिराने का जिम्मा सौंपा गया है। पुराने भवन में बनने वाला नगर परिषद का नया भवन आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। भवन में नगर परिषद कार्यालय से जुड़े सभी विभागों के लिए अलग अलग कमरे बनाए जाएंगे। नए भवन का नक्शा तैयार किया जा रहा है। करीब 17 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन को लेकर टेंडर प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और प्रयास रहेगा कि 2024 तक नगर परिषद का नया भवन बनकर तैयार हो जाए। बताया तो यह भी जा रहा है कि नये भवन में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था बेहतर ढंग से बनाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।