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केवल पैकेज को देखकर बने रिश्ते लंबे नहीं चल सकते: संजय भुटानी

हांसी के एस डी महिला महाविद्यालय में छात्राओं को किया संबोधित 
 
केवल पैकेज को देखकर बने रिश्ते लंबे नहीं चल सकते: संजय भुटानी 

हांसी, 19 मार्च : महिलाएं सशक्त हों, यह अच्छी बात है और आज खुशी की बात है कि लड़कियां, लड़कों के साथ हर क्षेत्र में बराबर की उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं । परिवार रूपी गाड़ी को चलाने के लिए पुरुष व महिलाएं बराबर के ही दो पहिए हैं और इसके लिए आपसी समझ अति आवश्यक है। यह बात वरिष्ठ पत्रकार संजय भुटानी  ने यहां के सनातन धर्म महिला महाविद्यालय में  एन एस एस  शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए स्वयं सेविकाओं को कही। इस अवसर  पर प्राचार्य  डॉ सुरेश कुमार गुप्ता, वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ गीता दहिया, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी मूर्ति देवी, सहायक  कार्यक्रम अधिकारी अंजू सिसोदिया व चारु गुप्ता ने संजय भुटानी को फूलों का गुलदस्ता भेंट करके उनका स्वागत व अभिनंदन किया।


इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए संजय भुटानी ने कहा कि  आज के वक्त में पैकेज देखकर जो नए परिवार बन रहे हैं यह सर्वदा अनुचित है। क्योंकि केवल पैकेज को देखकर बने रिश्ते लंबे नहीं चल सकते। रिश्ते बनाते वक्त संस्कारों की ओर ध्यान दें जैसा कि पहले होता आया है। अगर संस्कार होंगे तो कम पैकेज में ही जीवन अच्छा चलेगा और केवल पैकेज देखा जाएगा व संस्कार नहीं देखे जाएंगे तो ऐसे जीवन के कोई मायने नहीं हैं। 

संजय भुटानी  ने छात्राओं से सीधे-सीधे कहा कि अपने माता-पिता व शिक्षकों की बात को अनदेखा न करें और हमेशा उनका सम्मान करें। ऐसा करने से जीवन में कभी भी बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि हम सभी एक ही परमपिता परमात्मा की संतान हैं। अपने देश में कानून का राज है लेकिन हर कार्य को अगर हम कानून द्वारा करवाना चाहें तो वह भी संभव नहीं है। समाज में एक अच्छे वातावरण के लिए हमें सकारात्मक विचारों के साथ आगे बढ़ना होगा और इसी से ही परिवार और समाज का विकास संभव है। हम किसी भी तरह की धारणा पालने की बजाए चीजों को ध्यान से समझने की कोशिश करें और उसके बाद निर्णय लें ।

उन्होंने छात्राओं को कहा कि जीवन में किसी भी कार्य को बोझ समझ कर न चलें। यह जीवन बोझ ढोने के लिए नहीं मिला। जीवन को हमें आनंद के साथ गुजारना है और जो भी हमारा कर्म है, उसे पूरा करें बाकी सब अच्छा ही होगा। उन्होंने छात्राओं से कहा कि हमारा सबसे पहला कार्य अपने शरीर को स्वस्थ रखना है । अगर शरीर स्वस्थ रहेगा तो ही अन्य कार्य संभव हैं। उन्होंने एन एस एस की छात्राओं द्वारा शिविर के दौरान किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पढ़ाई के साथ ऐसे कार्यों में रुचि अवश्य रखनी चाहिए क्योंकि यही कार्य हमें जीवन जीने का तरीका सिखाते हैं।