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भूमि आश्रम में नम आंखों से मनाया रक्षाबंधन का पर्व

 
भूमि आश्रम में नम आंखों से मनाया रक्षाबंधन का पर्व 
हिसार, 01 सितम्बर I अनेक संस्थाओं से जुड़े लोग व कई महिलाएं रक्षा बंधन का पर्व मनाने के लिये भूमि आश्रम में रह रहे बुजुर्ग और मंदबुद्धि लोगों को राखी बांधने पहुंचे। कुछ महिलाओं की आंखें उस वक्त नम हो गई जब उन्हें ऐसे बुजुर्ग मिले जिन्होंने कहा कि उन्हें याद ही नहीं कि आखिरी राखी कब बांधी गई थी। ऐसे बुजुर्गों की सूनी कलाइयों पर राखी बांधी गई तो उनकी आंखों से भी खुशी के आंसू निकल पड़े। उन्होंने सोचा नहीं था कि ऐसा भी कुछ हो पाएगा कि उन्हें कोई राखी बांधने आएगा। सभी बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया कि हमारी बहनें हमेशा खुश रहे और इसी तरह अपनी खुशियां हम लोगों के साथ बांटती रहें। जहां एक तरफ भूमि आश्रम में हर त्योहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है वहीं पर एक भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को मनाने के लिए अनेक लोग पहुंचे। आश्रम प्रबंधकों ने सभी बहनों का आभार जताया।
पर्व की शुरुआत वैलफेयर सोसाइटी से कमलेश वर्मा और मुंबई में कार्यरत कनिका धारीवाल, आजाद नगर से मंजुला खत्री और भूमि आश्रम में कार्यरत निशा पुरी और शशि ने सभी बुजुर्ग व मंदबुद्धि लोगों को राखी बांधकर सभी के चेहरों पर खुशियां लाने का काम किया। आने वाली महिलाओं ने कहा कि यहां रहने वाले लोग भी हमारे ही परिवारों का हिस्सा है। 101 वर्ष के एक बुजुर्ग को राखी बांधी गई तो वह खुशी के मारे अपनी आंखों से आंसू रोक नहीं पाए। वहीं पर 86 साल के बुजुर्ग बाबा ने कहा कि मुझे तो यकीन भी नहीं हो रहा है कि आज उसे राखी बंधी है क्योंकि पिछले 25 सालों से किसी ने मुझे कोई राखी नहीं बांधी। इस पर बाबा ने भूमि आश्रम के संचालक मुकेश कुमार का दिल से धन्यवाद किया और कहा कि यदि मुकेश आप मुझे इस आश्रम में नहीं लेकर आते तो शायद अबकी बार भी मेरी कलाई सूनी की सूनी रह जाती और इस पर भावुक होकर बाबा को राखी बांधने पहुंची सभी बहनों को दिल से आशीर्वाद और दुआएं दी कि आप ही अब हमारी बहन हो और हमेशा हमें संभालते भी रहना। अंत में भूमि आश्रम के संचालक मुकेश कुमार ने कहा कि वे अपने आप को बड़ा खुशनसीब मानते हैं कि समाज की सभी बहनों का प्यार और सहयोग मिल रहा है।