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आधी-अधूरी तैयारियां से गेहूं की खरीद करने की तैयारी: अनुराग ढांडा

 
 आधी-अधूरी तैयारियां से गेहूं की खरीद करने की तैयारी:  अनुराग ढांडा
 चंडीगढ़, 01 अप्रैल।  आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने रविवार को प्रदेश की अनाज मंडियों में अव्यवस्था को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है, लेकिन अनाज मंडियों में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्रदेश की अनाज मंडियों में न तो सफाई की गई है और न ही मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया गया है। हरियाणा सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। किसान कई कई दिन रात मंडियों में पड़े रहते हैं लेकिन सरकार की कमी और असुविधाओं के कारण उनकी फसल नहीं बिकती।
    उन्होंने कहा कि कई जिलों में गेहूं तुलाई व उठान के लिए भी टेंडर नहीं हुए हैं। अधिकतर जगह पर पूरे सीजन के लिए बारदाना (बोरी के कट्टे) पर्याप्त नहीं पहुंचा है। वहीं इस बीच आढ़तियों ने आढ़त बढ़ाने व बकाया भुगतान की मांग को लेकर 1 से 5 अप्रैल तक मार्केट कमेटियों के कार्यालयों के बाहर धरना देने का ऐलान किया है। ऐसे में अनाज मंडियों में खरीद प्रभावित होना तय है। लेकिन भाजपा सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि पानीपत में गेहूं उठान के लिए टेंडर नहीं हो पाए हैं और न ही स्ट्रीट लाइट व वाटर कूलरों की हुई है। कैथल की अनाज मंडी में कचरे के ढेर लगे पड़े हैं और शेड व फड़ों पर धान पड़ा है। जींद की नई अनाजमंडी में शेड ही नहीं है। यदि बारिश हुई तो गेहूं भीगेने से किसान और व्यापारी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं करनाल में अभी तक इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई जा रही हैं और सीवरेज का काम भी अधूरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि मंडियों में इन अव्यवस्थाओं से पता चलता है कि भाजपा सरकार किसान, मजदूर और व्यापारियों को लेकर कितनी गंभीर है।आधी-अधूरी तैयारियां से गेहूं की खरीद करने की तैयारी:  अनुराग ढांडा
पल पल न्यूज:  चंडीगढ़, 01 अप्रैल।  आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने रविवार को प्रदेश की अनाज मंडियों में अव्यवस्था को लेकर हरियाणा सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हो गई है, लेकिन अनाज मंडियों में इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। प्रदेश की अनाज मंडियों में न तो सफाई की गई है और न ही मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया गया है। हरियाणा सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। किसान कई कई दिन रात मंडियों में पड़े रहते हैं लेकिन सरकार की कमी और असुविधाओं के कारण उनकी फसल नहीं बिकती।
    उन्होंने कहा कि कई जिलों में गेहूं तुलाई व उठान के लिए भी टेंडर नहीं हुए हैं। अधिकतर जगह पर पूरे सीजन के लिए बारदाना (बोरी के कट्टे) पर्याप्त नहीं पहुंचा है। वहीं इस बीच आढ़तियों ने आढ़त बढ़ाने व बकाया भुगतान की मांग को लेकर 1 से 5 अप्रैल तक मार्केट कमेटियों के कार्यालयों के बाहर धरना देने का ऐलान किया है। ऐसे में अनाज मंडियों में खरीद प्रभावित होना तय है। लेकिन भाजपा सरकार को इससे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि पानीपत में गेहूं उठान के लिए टेंडर नहीं हो पाए हैं और न ही स्ट्रीट लाइट व वाटर कूलरों की हुई है। कैथल की अनाज मंडी में कचरे के ढेर लगे पड़े हैं और शेड व फड़ों पर धान पड़ा है। जींद की नई अनाजमंडी में शेड ही नहीं है। यदि बारिश हुई तो गेहूं भीगेने से किसान और व्यापारी को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं करनाल में अभी तक इंटरलॉकिंग टाइलें लगाई जा रही हैं और सीवरेज का काम भी अधूरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि मंडियों में इन अव्यवस्थाओं से पता चलता है कि भाजपा सरकार किसान, मजदूर और व्यापारियों को लेकर कितनी गंभीर है।