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अब बिना चीर-फाड़ के होगा शव का पोस्टमार्टम, वर्चुअल ऑटोप्सी को लेकर हुई वर्कशाप​​​​​​​

 पीजीआई में वर्चुअल ऑटोप्सी को लेकर वर्कशाप में पहुंचे डीजीपी शत्रुजीत कपूर
 
 अब बिना चीर-फाड़ के होगा शव का पोस्टमार्टम, वर्चुअल ऑटोप्सी को लेकर हुई वर्कशाप​​​​​​​
 


पायलट प्रोजेक्ट के तौर शुरु होगी अर्चुअल ऑटोप्सी, फोरेंसिक चिकित्सकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
 रोहतक, 18 मार्च अब पीजीआई में भी वर्चुअल ऑटोप्सी तकनीक से बिना चीर-फाड़ के पोस्टमार्टम होंगे, इसके लिए बकायादा फोरेंसिक चिकित्सकों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। चिकित्सकों ने माना है कि वर्चुअल ऑटोप्सी समय की जरूरत है, अब समय आ गया है कि हमें वर्चुअल ऑटोप्सी की तरफ तेजी से कदम बढाने चाहिए। इसके माध्यम से हम बिना सर्जरी के ऑटोप्सी करने में सक्षम होते हैं। सोमवार को पीजीआई में आयोजित एक दिवसीय वर्कशाप में पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने मुख्यतिथि शिरकत की।
बताया जा रहा है कि इस वर्चुअल ऑटोप्सी को बढावा देने और प्रदेश के चिकित्सकों व पुलिस कर्मियों को जागरूक करने के लिए जो वर्कशाप आयोजित की गई है। कार्यक्रम में विशेष तौर पर कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना, निदेशक डॉ.एस.एस. लोहचब, विभागाध्यक्ष डॉ. एसके धतरवाल में ऑटोप्सी के बारे में जानकारी दी। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि हरियाणा प्रदेश में पीजीआईएमएस ऐसा पहला सरकारी संस्थान है जहां वर्चुअल ऑटोप्सी शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि फिजिकल और वर्चुअल ऑटोप्सी बिल्कुल अलग है, क्योंकि वर्चुअल ऑटोप्सी हर केस में नहीं की जा सकती और हमें इन दोनों को सामान्तर चलाना चाहिए।
शत्रुजीत कपूर ने कहा कि हमें मेडिको लीगल मेनुअल को भी देखना चाहिए कि अभी उसमें क्या चीज कार्यान्वित नहीं हुई। प्रदेश स्वास्थ्य सेवा विभाग के महानिदेशक डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि प्रदेश में जब पहली बार 2012 में मेडिको लीगल मेनुअल बना था तो उसमें डीजीपी शत्रुजीत का बहुत बडा योगदान रहा था। उन्होंने बताया कि आज करीब आधा दर्जन देशों में वर्चुअल ऑटोप्सी की जा रही है। डॉ. आरएस पूनिया ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग फोरेंसिक के चिकित्सकों की ट्रेनिंग करवा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि बहुत जल्द पॉयलट प्रोजैक्ट के तौर पर इसे 1-2 जिलों में शुरू किया जाए।
चिकित्सक और पुलिस एक साथ ट्रेनिंग
कुलपति डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि उन्हें काफी खुशी है कि संस्थान मे नित नई चीजें हो रही है और आज पहली बार चिकित्सक और पुलिस एक साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। डॉ. अनिता सक्सेना ने कहा कि उनका हमेशा प्रयास रहता है कि चिकित्सकों को नवीनतम तकनीक से अपडेट रखा जाए। निदेशक डॉ. एसएस लोहचब ने कहा कि वर्चुअस ऑटोप्सी को फॉरेंसिक जांच की एक नायाब खोज है। इसमें बिना चीर-फाड़ के शव का पोस्टमार्टम किया जाता है। इसमें एमआरआई, सीटी स्कैन, एक्स-रे के सहारे डॉक्टर शव का परीक्षण करते हैं। इस प्रक्रिया में रिजल्ट आसानी से और जल्द ही मिल जाता है।