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नेत्रदान पखवाड़े के तहत हुई पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता

 
नेत्रदान पखवाड़े के तहत हुई पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता 
सिरसा, 05 सितंबर। लॉर्ड शिवा स्कूल ऑफ़ नर्सिंग में नेत्रदान पखवाड़े के तहत छात्राओं ने पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता करवाई गई। इस दौरान छात्राओं ने नेत्रदान से संबंधित सुंदर पोस्टर बनाए और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 
सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र कुमार भादू ने बताया कि भारत में नेत्रदान न करने के पीछे कोई सांस्कृतिक या धार्मिक कारण नहीं हैं, बल्कि गलत सूचना और धारणाएं अधिक बड़ा कारण हैं। नेत्रदान को लेकर कई सारे मिथक हैं, जिन्हें तोडऩे की जरूरत है। आज हमारे देश के कई नेत्रहीनों को हमारी आंखें नई रोशनी दे सकती हैं, मगर इसके लिए सबसे पहले हमें जीवित रहते हुए अपनी आंखों और उनकी रोशनी का ध्यान रखना व मृत्युपरांत नेत्रदान करना जरूरी है। 
कार्यक्रम की विधिवत रूप से शुरुआत करते हुए कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. मधु बिश्नोई ने नेत्रदान के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। नेत्रदान काउंसलर राहुल शर्मा ने छात्राओं को नेत्रदान से संबंधित भ्रांतियों के बारे में अवगत करवाया गया। छात्राओं ने भी अपने-अपने पोस्टर्स के बारे मे विस्तारपूर्वक बताया। इस मौके पर किशोरावस्था काउंसलर कमल कक्कड़ ने छात्राओं को भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाएं के बारे में बताया गया। इस मौके पर कमल कक्कड़ ने कहा कि नेत्रदान से हम किसी की जिंदगी में उजाला ला सकते हैं। आंखें हमारे जिंदा रहने तक हमारी जिंदगी रोशन करती ही हैं, मरने के बाद भी ये किसी दूसरे की जिंदगी रोशन कर सकती हैं। 
कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. मधु बिश्नोई ने छात्राओं को नेत्रदाता की मृत्यु उपरांत रखी जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी दी। नेत्रदान के लिए पारिवारिक सदस्यों की सहमति अति आवश्यक है। नेत्रदान करने के लिए मृत्युपरांत 4 से 6 घंटे के अंदर नजदीकी आई बैंक या नागरिक अस्पताल के टोल फ्री नंबर 108 पर भी कॉल की जा सकती है। यदि किसी व्यक्ति ने पहले नेत्रदान शपथ पत्र नहीं भरा हुआ तो भी उसके परिवार की सहमति से नेत्रदान किया जा सकता है।