राजनेताओं को आरोप- प्रत्यारोप से पहले सौ बार सोचना होगा
"बधाई हो!
हरियाणा की जनता ने बापू-बेटे, भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा समेत कुमारी सैलजा को हरियाणा को 10 साल लूटने की प्रतियोगिता में मेडल्स से नवाजा है।
भूपेंद्र हुड्डा, जब हरियाणा की बेटी गीता फोगाट और बबीता फोगाट ने मेडल्स जीते थे, तो आपने उनको हरियाणा सरकार की ओर से मिलने वाले सम्मानित पद, अधिकारों और सुविधाओं से वंचित किया। 10 साल तक हरियाणा को लूटने के बाद आज भी आप खिलाड़ियों की भावनाओं पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
लेकिन हरियाणा की जनता आपकी घटिया राजनीति से परिचित है, वो आपके जाल में नहीं फंसने वाली है।"
चुनावी राजनीति के जानकारों का मानना है कि चुनावी दौर है। एक दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप चलता रहता है। चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा 10 साल तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे हैं और दीपेंद्र हुड्डा उनके पुत्र हैं, उन पर आरोप लगाना कोई नई बात नहीं क्योंकि परंपरागत चुनावी राजनीति का हिस्सा बन चुकी है। एक ओर देश में 10 साल तक मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री रहे और हरियाणा में साढ़े नौ साल तक मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री रहे। आज भी इन दोनों नेताओं पर विपक्ष के लोग भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने से बचते हैं। दूसरी तरफ कुमारी सेलजा को पोडियम पर खड़े दिखाकर हरियाणा को लूटने वाला बताया गया है। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही । विशेष रूप से उस दलित समाज के लोगों को तो कतई नहीं जिससे वे ताल्लुक रखती हैं। पोस्ट वार के इस जंग में सेलजा को पोडियम पर खड़ा करके भारतीय जनता पार्टी ने "अपने ही गोल पोस्ट में बाल डाली है।" इस पोस्टर से जहां दलित समुदाय के लोगों में भारी रोष है, वहीं दूसरे या स्वर्ण समाज के लोगों में भी भारी गुस्सा है, क्योंकि कुमारी सेलजा ने सड़क से संसद तक हर वर्ग के लोगों से जुड़ा हुआ मुद्दा उठाया है।
गौर तलब है कि कुमारी सेलजा जो विगत माह हुए आम चुनाव में पांचवीं बार सांसद बनी हैं जबकि एक बार राज्यसभा की सांसद भी रह चुकी है। इसके साथ-साथ केंद्र में विभिन्न मंत्रालयों की मंत्री और छत्तीसगढ़ ,उत्तराखंड सहित कई प्रदेशों की प्रभारी भी रही हैं। इस बार हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा के बाद रिकॉर्ड मतों से भी जीती हैं। कुमारी सेलजा हरियाणा में मंत्री व सरकार का हिस्सा बनना तो दूर की बात कभी विधायक भी नहीं रही ऐसे में कुमारी सेलजा द्वारा हरियाणा को लूटने की बात किसी भी व्यक्ति को हजम नहीं हो रही भारतीय जनता पार्टी द्वारा "एक्स" हैंडल पर जारी इस पोस्टर से हरियाणा में दलित लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इससे दलित वर्ग के लोगों में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ और गुस्सा पनपा है। याद रहे पिछले लोकसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन के नेताओं ने परंपरागत दलित वोट को अपनी ओर आकर्षित करने में नेरेटिव तैयार किया था कि अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में लौटी तो संविधान बदल देगी और आरक्षण को खत्म कर देगी। इस नेरेटिव को भारतीय जनता पार्टी ने भी माना और अपनी चुनावी समीक्षा में कहा भी कि कांग्रेस ने लोगों में इस तरह की भ्रमित बयान बाजी कर भरम फैलाया जिससे भारतीय जनता पार्टी को नुकसान हुआ।
इस प्रकार से पोस्ट वार शुरू करके भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही खिलाफ नैरेटिव सेट करने में एक और कड़ी जोड़कर कांग्रेस पार्टी को मौका दे दिया है। एक तरफ कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन अपने परंपरागत वोटो को अपनी ओर आकर्षित व इकट्ठा करने में लगा है, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ऐसे दलित नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रही है, जिनके खिलाफ "सूई की नोक" के समान भी कभी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे। हालांकि चुनावी प्रचार में भारतीय जनता पार्टी का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन कई बार अति आत्मविश्वास और अति उत्साह में प्रचार में अधिक आगे बढ़ जाती है। इस प्रकार की अति भारतीय जनता पार्टी को उल्टी पड़ी है। जिस प्रकार से भारतीय जनता पार्टी ने "अबकी बार 400 पार "के नारे से भारी नुकसान हुआ और विपक्ष ने इसका फायदा उठाया इस प्रकार से अति उत्साह अनजाने या किसी और मकसद से एक्स हैंडल पर डाले गए इस पोस्टर से क्या लाभ या नुकसान होने वाला है यह तो समय बताएगा। सोशल मीडिया पर डालेगी इन टिप्पणियों में दलित समाज के लोगों के साथ-साथ सामान्य वर्ग के लोग भी भारतीय जनता पार्टी के विरोध में आग उगल रहे हैं। दूसरी और कुमारी सेलजा के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। परंतु सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियात्मक टिप्पणियों से तो लगता है भारतीय जनता पार्टी ने "गेद को स्वयं ही अपने गोल -पोस्ट में डालने का काम किया है।" राजनीतिक पार्टियों को ऊल- जुलूल आरोप प्रत्यारोप से बचकर एक हेल्दी पॉलिटिक्स की शुरुआत करने की जरूरत है। यह हेल्दी पॉलिटिक्स ही युवा पीढ़ी के सामने आदर्श का काम करेगी।
सतीश मेहरा
राजनीतिक विश्लेषक