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पुलिस ने 77 गांवों में बुजुर्गों की हालात देखी

वृद्ध महिलाएं बहुओं के व्यवहार से असंतुष्ट, वृद्ध अकेलेपन से परेशान 
 
पुलिस ने 77 गांवों में बुजुर्गों की हालात देखी 

चंडीगढ़, 17 मई। हरियाणा में वृद्ध सास अपनी बहुओं की कार्यप्रणाली और व्यवहार से असंतुष्ट हैं। वहीं, उम्र के आखिरी पड़ाव में स्वजनों का साथ न होने के कारण बुजुर्ग अकेलेपन में जीने को मजबूर हैं। 
यह बात एडीजीपी की टीम द्वारा 77 गांवों में 300 से अधिक बुजुर्गों के हालात जानने के दौरान मौखिक सर्वे में सामने आई। टीम ने 150 वृद्ध महिलाओं से संपर्क किया, जिनमें से 50 प्रतिशत ने बताया कि उनकी बहू पड़ोस की महिलाओं को ज्यादा तवज्जो व इज्जत देती हैं। इसको लेकर ज्यादा दुखी हैं। उधर, चलने-फिरने में असमर्थ बुजुर्गों ने बताया कि उम्र के आखिरी पड़ाव में पहुंच चुके हैं लेकिन अपनों का साथ व बातचीत नहीं है। 
ज्यादातर समय कमरे में चारपाई पर लेटे रहते हैं या फिर कुछ देर तक बाहर आकर बैठ जाते हैं। कुछ बुजुर्ग बोले कि हम ताश खेलकर अपना वक्त गुजार लेते हैं। बुजुर्गों ने टीम से कहा कि आप ही आते-जाते हालचाल पूछ लिया करो।

नशे के खिलाफ चलाया अभियान

ड्रग मुक्त अभियान से जुड़ी टीमों ने गांव राजली, पाबड़ा, बालक, खेदड़ सहित हिसार मंडल के अन्य गांवों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया। इस दौरान लोगों को ड्रग के कुप्रभावों के बारे जानकारी दी। टीम ने लोगों से आह्वान किया कि गांवों के युवाओं का खेलों में रुचि पैदा करें। किशोरावस्था में बच्चों का सही मार्गदर्शन करें। टीम ड्रग की लत में पड़े युवाओं की पहचान कर उनके फार्म भरवा रही है जिनको परामर्श व आवश्यकतानुसार दवा भी दिलवा रहे है। नशे की मांग व आपूर्ति की श्रृंखला तोडऩे पर पुलिस टीमें काम कर रही हैं।

बुजुर्गों का सम्मान, संजीवनी के समान: एडीजीपी

पुलिस टीमों को निर्देश दिए हैं कि विजिट के दौरान कम से कम गांव के 10-10 बुजुर्ग महिला/पुरुषों से उनके घर जाकर मुलाकात करेंगे। उन्हें कोई समस्या है तो जानकारी लें। उनकी समस्या का प्राथमिकता से निदान करेंगे। बुजुर्गों के पास बैठना, उनकी सुनना व सम्मान करना उनके लिए संजीवनी के समान है। यह फर्ज हर नागरिक को निभाना चाहिए। मंडल के 77 गांवों के सैकड़ों 75 प्लस उम्र के बुजुर्गों से मुलाकात की है।
- श्रीकांत जाधव, एडीजीपी।