पूर्व मुख्यमंत्री चाैटाला समेत चार पूर्व विधायकों की बंद हाे सकती है पेंशन
हाई कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी मांगा जवाब
Nov 7, 2024, 19:55 IST
चंडीगढ़, 7 नवंबर । हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला समेत चार पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन बंद हो सकती है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री समेत चार पूर्व विधायकों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
चंडीगढ़ निवासी एचसी अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान के प्रतिनिधि, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए। अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें पता चला कि चार सजा पा चुके पूर्व विधायक भी पेंशन ले रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 को 10 साल की सजा हो चुकी है। सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 को सात साल की सजा हो चुकी थी। इसलिए इन्हें पेंशन मिलना गैरकानूनी है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे तो वह पेंशन के अयोग्य हो जाता है। अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने के लिए याचिका दायर की थी। इस तरह की याचिका विधानसभा में खारिज हो चुकी है। विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में कहा कि ये पूर्व विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट के तहत पेंशन के हकदार हैं। इनकी सदस्यता न तो कभी दलबदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया। विधानसभसा में याचिका खारिज होने के बाद अरोड़ा ने हाई कोर्ट की शरण ली है।
चंडीगढ़ निवासी एचसी अरोड़ा की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला, पूर्व विधानसभा स्पीकर सतबीर सिंह कादियान के प्रतिनिधि, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न उनकी पेंशन पर रोक लगा दी जाए। अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने विधानसभा सचिवालय से पूर्व विधायकों की पेंशन के बारे में सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। जिसमें पता चला कि चार सजा पा चुके पूर्व विधायक भी पेंशन ले रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ओमप्रकाश चौटाला, अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को भ्रष्टाचार के आरोप में 16 दिसंबर 2013 को 10 साल की सजा हो चुकी है। सतबीर कादियान को भी 26 अगस्त 2016 को सात साल की सजा हो चुकी थी। इसलिए इन्हें पेंशन मिलना गैरकानूनी है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है।
अरोड़ा ने हाईकोर्ट में बहस के दौरान कहा कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को कोर्ट सजा सुना दे तो वह पेंशन के अयोग्य हो जाता है। अरोड़ा ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने विधानसभा सचिव के सामने भी पेंशन रोकने के लिए याचिका दायर की थी। इस तरह की याचिका विधानसभा में खारिज हो चुकी है। विधानसभा सचिव ने अपने फैसले में कहा कि ये पूर्व विधायक वेतन-भत्ते एवं पेंशन एक्ट के तहत पेंशन के हकदार हैं। इनकी सदस्यता न तो कभी दलबदल कानून के तहत रद्द की गई और न ही इन्हें कभी जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया। विधानसभसा में याचिका खारिज होने के बाद अरोड़ा ने हाई कोर्ट की शरण ली है।