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भगवान श्री कृष्ण शिक्षण महिला महाविधालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन:-

 
भगवान श्री कृष्ण शिक्षण महिला महाविधालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन:-

कॉलोनी रोड स्थित भगवान श्री कृष्ण शिक्षण महिला महाविद्यालय में उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकूला द्वारा स्वीकृत एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य विषय "सतत् विकास के लिए पर्यावरण की समझ" व इसके  उपविषयों पर चर्चा करके इससे संबंधित मुद्दों का समाधान करना था। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश कुमार बंसल ने शिरकत की। गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के  पर्यावरण विज्ञान एवं  इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष एवं प्रोफेसर श्री राजेश कुमार लोहचब ने मुख्य वक्ता व चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के एनर्जी एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एम.के. किदवई ने रिसोर्स पर्सन से रूप में उपस्थिति दर्ज की। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंधक समिति के प्रधान श्री सुभाष चंद्र गुप्ता, सचिव अरुण जिंदल, प्रबंधक समिति के सदस्य श्रीमती पुष्पा जिंदल, श्री सुरेंद्रपाल गर्ग व महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता ने सभी अतिथियों को बुके देकर हार्दिक स्वागत किया। महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं व छात्राओं ने भी तिलक लगाकर आये हुए अतिथियों का भव्य स्वागत किया। संगोष्ठी का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करके सरस्वती वंदना के साथ किया गया। मंच का संचालन करते हुए सेमिनार की संयोजिका श्रीमती सिमता सेतिया ने सभी को सेमिनार के उपविषय की पृष्ठभूमि से अवगत करवाया। कार्यक्रम के प्रारंभ में महाविद्यालय के प्रबंधक समिति के प्रधान श्री सुभाष चंद्र गुप्ता ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता व रिसोर्स पर्सन का औपचारिक स्वागत किया व संगोष्ठी के मुख्य विषय पर प्रकाश डाला।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ. राजेश बंसल, रजिस्ट्रार, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा ने कहा कि आज के सेमिनार का विषय "सतत विकास के लिए पर्यावरण की समझ" समय की मांग है और इस विषय पर चर्चा करना प्रतिभागियों और विद्यार्थियों के लिए लाभदायक है। ताकि वो पर्यावरण सरंक्षण के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझ सके और सतत विकास में अपनी भूमिका निभा सके। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता डॉ. राजेश कुमार लोहचब ने प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें सतत विकास चाहिए तो पर्यावरण के तत्वों को समझना, उनके ह्रास के कारणों को जानना और उनके संरक्षण की विधियों के बारे में जानना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा की विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन रखना होगा। रिसोर्स पर्सन डॉ. एम.के. किदवई ने सतत विकास के विभिन्न उपागमों के बारे में प्रकाश डाला, उन्होंने सतत विकास के विभिन्न उद्देश्यों के बारे में बताया और कहा कि सतत विकास के सभी उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण से जुड़े हुए हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से सतत विकास के लिए पर्यावरण के तत्वों जल, वायु और भूमि के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए आह्वान किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूनम गुप्ता, प्रबंधक समिति के सदस्य श्री सुरेन्द्रपाल ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया व उनका आभार व्यक्त किया।तकनीकी सत्र का संचालन करते हुए सेमिनार की ऑर्गनाइजिंग सैक्टरी डॉ. कमलेश यादव ने महाविद्यालय के सेमिनार में उपस्थित प्रतिनिधियों व रिसर्च स्कॉलर्स का स्वागत किया। इस सत्र में नेहरु कॉलेज ऑफ एजुकेशन अलीकां के प्राचार्य डॉ. कृष्णकांत ने "पर्यावरण संरक्षण अस्तित्व की अनिवार्यता"विषय पर प्रस्तुति दी। श्रीमती हरलीन कौर ने "सतत विकास में पर्यावरण की समझ" उपविषय पर पेपर प्रस्तुत किया।
गुरु नानक कॉलेज किलियांवाली के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित बहल ने अपना पेपर प्रस्तुत करते हुए सतत विकास के लिए 3 ई- एंपावरमेंट, एनर्जी और इनवायरमेंट दिया और 3-आर पर भी जोर दिया। इस  तकनीकी सत्र में डॉ. अमृतपाल कौर सहायक प्रोफेसर पंजाब विश्वविद्यालय  और  श्रीमती ज्योति सहायक प्रोफेसर एम.एम. कॉलेज ऑफ एजुकेशन फतेहाबाद ने भी  पेपर प्रस्तुत किया। प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ जनक मेहता प्राचार्या एमएम कॉलेज ऑफ एजुकेशन फतेहाबाद ने चैयर सैशन किया व सत्र के अंत में निष्कर्ष भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की बीएड द्वितीय वर्ष की छात्राओं सरस्वती, रमनदीप, पूजा, रजनी ने पर्यावरण के विभिन्न विषयों पर अपने पेपर की प्रस्तुति की। द्वितीय तकनीकी सत्र में डॉ कृष्ण कांत ने चैयर सैशन किया व सभी  प्रस्तुतियों का निष्कर्ष प्रस्तुत किया।संगोष्ठी में डॉ. भीम राव अम्बेडकर राजकीय महाविद्यालय से श्रीमती शन्नो आर्य, बेअंत कौर, डॉ. अर्चना, श्रीमती प्रभजोत कौर, मानिक जिंदल, श्रीमती परमजीत कौर, श्री अनंत कथूरिया, श्री हर्षविंदर बराड़, मानिक जिंदल, श्री प्रिंस सिंगला, श्री सोनू कुमार, व अन्य प्राध्यापकों ने भाग लिया। इस अवसर पर श्री शशिकांत शर्मा ,श्री परमजीत कोचर व सुरेंद्र जस्सल आदि ने भाग लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। इस अवसर पर संगोष्ठी की संयोजिका श्रीमती सिमता सेतिया ,आयोजक सचिव डॉ. कमलेश यादव, सुश्री अंजू बाला, संगोष्ठी समिति के सदस्य डॉ. सुमन छाबड़ा, श्रीमती सरोज बाला, श्रीमती ममता गर्ग, श्रीमती रुचि गोयल, श्रीमती संतोष गुप्ता, श्री संजीव गर्ग, श्रीमती अनुषा सचदेवा, सुश्री बबीता शर्मा सहित सभी सदस्यों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।