विपक्ष को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं : नायब सैनी
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेताओं के दावे पर किया पलटवार
May 11, 2024, 20:04 IST
चंडीगढ़, 11 मई हरियाणा में भाजपा की अल्पमत सरकार को भंग करवाने की मांग के बाद सरकार गठन के दावे से पीछे हटी कांग्रेस पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पलटवार किया है। नायब सैनी ने दावा किया कि विपक्ष को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है। राज्यपाल की तरफ से विपक्ष को अपने सभी विधायकों के हस्ताक्षर करवाकर लाने को कहा गया था, जिसके बाद विपक्ष सरकार गठन के दावे से ही भाग गया।
शनिवार को हर बूथ हर घर संपर्क अभियान के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में नायब सैनी ने यह दावा किया। हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद भाजपा सरकार अल्पमत में चली गई। जिसके बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को राजभवन जाकर सरकार को भंग करने अथवा राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर ज्ञापन सौंपा था। हालांकि राजभवन जाने से पहले कांग्रेस प्रदेश में सरकार गठन का दावा कर रही थी। राजभवन में राज्यपाल के सचिव को ज्ञापन देने के बाद लौटे कांग्रेस विधायकों ने केवल सरकार को भंग करने तथा राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर जोर दिया।
इस बीच के घटनाक्रम का पटाक्षेप करते हुए शनिवार को सीएम नायब सैनी ने बताया कि राज्यपाल ने विपक्ष के नेताओं से लिखित रूप में विधायकों को साइन कराकर लाने को कहा है। विपक्ष को पता है कि सभी विधायक हस्ताक्षर नहीं करेंगे। नायब सैनी ने स्पष्ट किया कि एक महीने पहले हमने विश्वास मत हासिल किया है। विपक्ष का काम शिगूफा छोड़कर लोगों को गुमराह करना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब खत्म हो चुकी है और जनता का कांग्रेस पर विश्वास नहीं रहा है। कांग्रेस की भ्रष्टाचार की नीतियां लोगों को प्रताडि़त करने का काम करती है, इसलिए लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है।
नैना चौटाला के काफिले पर हुए हमले के बारे में सीएम ने कहा कि यह मामला उनका अंदरूनी मामला है, फिर भी इस प्रकार के हमले नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को वोट मांगने का अधिकार है। वोट मांगने लोगों के बीच जाएंगे, अगर किसी को कोई दिक्कत है तो बैठकर बात करें। हमला करना, चोट पहुंचाना निदंनीय है।
शनिवार को हर बूथ हर घर संपर्क अभियान के अवसर पर पत्रकारों से बातचीत में नायब सैनी ने यह दावा किया। हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद भाजपा सरकार अल्पमत में चली गई। जिसके बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को राजभवन जाकर सरकार को भंग करने अथवा राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर ज्ञापन सौंपा था। हालांकि राजभवन जाने से पहले कांग्रेस प्रदेश में सरकार गठन का दावा कर रही थी। राजभवन में राज्यपाल के सचिव को ज्ञापन देने के बाद लौटे कांग्रेस विधायकों ने केवल सरकार को भंग करने तथा राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर जोर दिया।
इस बीच के घटनाक्रम का पटाक्षेप करते हुए शनिवार को सीएम नायब सैनी ने बताया कि राज्यपाल ने विपक्ष के नेताओं से लिखित रूप में विधायकों को साइन कराकर लाने को कहा है। विपक्ष को पता है कि सभी विधायक हस्ताक्षर नहीं करेंगे। नायब सैनी ने स्पष्ट किया कि एक महीने पहले हमने विश्वास मत हासिल किया है। विपक्ष का काम शिगूफा छोड़कर लोगों को गुमराह करना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब खत्म हो चुकी है और जनता का कांग्रेस पर विश्वास नहीं रहा है। कांग्रेस की भ्रष्टाचार की नीतियां लोगों को प्रताडि़त करने का काम करती है, इसलिए लोगों ने कांग्रेस को नकार दिया है।
नैना चौटाला के काफिले पर हुए हमले के बारे में सीएम ने कहा कि यह मामला उनका अंदरूनी मामला है, फिर भी इस प्रकार के हमले नहीं होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को वोट मांगने का अधिकार है। वोट मांगने लोगों के बीच जाएंगे, अगर किसी को कोई दिक्कत है तो बैठकर बात करें। हमला करना, चोट पहुंचाना निदंनीय है।