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हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनते ही लागू होगी ओल्ड पेंशन योजना : हुड्डा​​​​​​​

 बेरोजगारी खत्म करना और कानून व्यवस्था में सुधार रहेगा टॉप एजेंडा
 
  हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनते ही लागू होगी ओल्ड पेंशन योजना : हुड्डा​​​​​​​
चंडीगढ़, 04 जुलाई  हरियाणा के पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कर्मचारियों के लिए ओपीएस (ओल्ड पेंशन योजना) को लागू किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही ओपीएस लागू की जा चुकी है।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि लोकसभा चुनावों में हरियाणा के लोगों ने भाजपा को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि राज्य के लोग मौजूदा सरकार से पूरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं। लोगों का सरकार से मोह भंग हो चुका है। कांग्रेस ने लोकसभा की दस में से पांच सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन प्रदेश के सभी नब्बे विधानसभा हलकों में 2019 के मुकाबले वोट बैंक बढ़ा है।
आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन के तहत समझौता हुआ था। विधानसभा चुनावों के लिए हरियाणा में कांग्रेस अपने आप में सक्षम है और सभी नब्बे सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा। राज्य सरकार के फैसलों पर चुटकी लेते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने यह स्वीकार कर लिया है कि पूर्व में भाजपा की ही सरकार में लिए गए फैसले गलत थे, इसलिए अब फैसलों को बदला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम जो भी घोषणा करते हैं अब भाजपा उसे लागू कर रही है, लेकिन भाजपा को इसका कोई फायदा नहीं होगा। सरकार बनने पर कांग्रेस की प्राथमिकता के बारे में हुड्डा ने कहा कि सबसे पहले बेरोजगारी को खत्म किया जाएगा। साथ ही कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को अपनी बात रखने की स्वतंत्रता है। हमारे यहां गुटबाजी नहीं है। नेताओं के बीच वैचारिक मतभेद तो हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं हैं। गुटबाजी तो भाजपा में है। पूर्व गृह मंत्री अनिल विज अब कहीं नजऱ नहीं आते।
विधायक करेंगे मुख्यमंत्री का फैसला
विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री फेस पर लड़ने या सरकार बनने पर मुख्यमंत्री से जुड़े सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस में प्रजातंत्र है। विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी द्वारा लड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री का फैसला विधायक बैठकर करेंगे और कांग्रेस हाईकमान निर्णय करेगा। पार्टी नेतृत्व का फैसला सभी के लिए मान्य होता है।