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सफाई पुलिस रिमांड में अधिकारी खोलेंगे सफाई घोटाले के राज

 
  सफाई पुलिस रिमांड में अधिकारी खोलेंगे सफाई घोटाले के राज
कैथल, 29 मई जिला परिषद के सफाई घोटाले में अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश भर में यह मामला चर्चित बन गया है। जिला परिषद के गिरफ्तारी से बचे अधिकारी खुद को पाक साफ साबित करने में लगे हुए हैं। बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार एक्सईएन, एसडीओ, अकाउंटेंट व 4 ठेकेदारों को अदालत में पेश किया। अदालत ने सभी को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा है।
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह का कहना है कि रिमांड के दौरान घोटाले के कई पहलुओं से पर्दा उठने की संभावना है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा। रिमांड के दौरान पुलिस, अधिकारियों और ठेकेदारों के खाते में ट्रांसफर हुई रकम की बरामदगी का भी प्रयास करेगी। एबीसी ने दूसरे अधिकारियों के खाते में ट्रांसफर हुई रकम का तो मंगलवार को खुलासा कर दिया था, लेकिन अकाउंटेंट कुलवंत के खाते में कोई रकम ट्रांसफर नहीं हुई। उसने अपने हिस्से का पैसा कहां और किसके माध्यम से लिया यह भी जांच का विषय रहेगा।
मंगलवार को कैथल की जिला परिषद में कोविड के दौरान हुए सफाई घोटाले में एबीसी ने पंचायती राज के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत के साथ इसी मामले में पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश व पुंडरी निवासी अनिल पुत्र शशि भूषण को गिरफ्तार किया था। इस मामले में पिछले करीब चार साल से एसीबी की 10 टीमें जांच में जुटी हुई थी। इसमें नौ इंस्पेक्टर सहित दो डीएसपी जांच में कर रहे हैं।
कैथल के विधायक भाई लीलाराम ने कहा कि रामपाल माजरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला परिषद में घोटाले की बात उजागर की थी। उन्होंने इस बात को उठाया था। उन्होंने इस मामले में किसी की शिकायत नहीं की बल्कि मुद्दा उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद संज्ञान लिया था। अगर किसी ने जनता के पैसे में भ्रष्टाचार किया है तो उसे उजागर किया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को किसी भी तरह से सहन नहीं किया जाएगा।