केन्द्र की गलत नीतियों के कारण देश में उद्योगों की संख्या घटकर आधी हुई : बजरंग गर्ग
एमएसएमई मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2016 में थे 6 करोड़ 25 लाख छोटे उद्योग, अब सूक्ष्म, लघु उद्योग 48 प्रतिशत घटकर 3 करोड़ 25 लाख हुए
Nov 24, 2024, 19:46 IST
हिसार, 24 नवंबर अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा है कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों व अनाप-शनाप टैक्सों की वजह से देश में छोटे उद्योगों की संख्या घटकर आधी हो गई है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), एसएंडपी जैसी वैश्विक संस्था के आंकडे के अनुसार सूक्ष्म, लघु व मझोले उघोग (एमएसएमई) बीते सात सालों में लगभग 48 प्रतिशत बंद हो गए हैं।
एमएसएमई मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बजरंग दास गर्ग ने रविवार को कहा कि वर्ष 2016 में जहां 6 करोड़ 25 लाख छोटे उद्योग थे अब सूक्ष्म, लघु उद्योग 48 प्रतिशत घटकर 3 करोड़ 25 लाख रह गए हैं। सरकार द्वारा बार-बार नीतियों में बदलाव करके जटिल नियम बनाने से उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। सरकार द्वारा जीएसटी लागू करके टैक्सों में भारी भरकम बढ़ोतरी करने से भी लघु उद्योग बंद हुए हैं और सरकार द्वारा नोटबंदी करने से देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण देश व प्रदेश में लघु उद्योग आज भी काफी बंद होने के कगार पर है। सरकार को लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नियम में सलीकरण करने की जरूरत है।
सरकार को जीएसटी की दरों में सलीकरण करके टैक्सों को कम करना चाहिए। सरकार को गांव स्तर पर लगने वाले कृषि संबंधित उद्योगों को बिना ब्याज लोन देना चाहिए। पहले गांवों में हैंडलूम, बेकरी, नमकीन, साबुन, तेल, पलंग, निवार आदि के भारी तदाद में उद्योग होते थे मगर सरकार की गलत नीतियों के कारण आज गांव स्तर पर छोटे व मध्यम उद्योग 80 प्रतिशत बंद हो गए हैं। लघु उद्योग बंद होने के कारण करोड़ो लोगों की नौकरियां चली गई है। सरकार को बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए छोटे व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि आम व्यक्ति को उद्योगों के माध्यम से रोजगार मिल सके
एमएसएमई मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बजरंग दास गर्ग ने रविवार को कहा कि वर्ष 2016 में जहां 6 करोड़ 25 लाख छोटे उद्योग थे अब सूक्ष्म, लघु उद्योग 48 प्रतिशत घटकर 3 करोड़ 25 लाख रह गए हैं। सरकार द्वारा बार-बार नीतियों में बदलाव करके जटिल नियम बनाने से उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। सरकार द्वारा जीएसटी लागू करके टैक्सों में भारी भरकम बढ़ोतरी करने से भी लघु उद्योग बंद हुए हैं और सरकार द्वारा नोटबंदी करने से देश व प्रदेश में व्यापार व उद्योगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। सरकार की गलत नीतियों के कारण देश व प्रदेश में लघु उद्योग आज भी काफी बंद होने के कगार पर है। सरकार को लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नियम में सलीकरण करने की जरूरत है।
सरकार को जीएसटी की दरों में सलीकरण करके टैक्सों को कम करना चाहिए। सरकार को गांव स्तर पर लगने वाले कृषि संबंधित उद्योगों को बिना ब्याज लोन देना चाहिए। पहले गांवों में हैंडलूम, बेकरी, नमकीन, साबुन, तेल, पलंग, निवार आदि के भारी तदाद में उद्योग होते थे मगर सरकार की गलत नीतियों के कारण आज गांव स्तर पर छोटे व मध्यम उद्योग 80 प्रतिशत बंद हो गए हैं। लघु उद्योग बंद होने के कारण करोड़ो लोगों की नौकरियां चली गई है। सरकार को बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए छोटे व मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि आम व्यक्ति को उद्योगों के माध्यम से रोजगार मिल सके