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भाजपा का कोई प्रयोग नहीं होगा सफल: कुमारी सैलजा

 लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने को तैयार जनता 
 
  भाजपा का कोई प्रयोग नहीं होगा सफल: कुमारी सैलजा
  कुकृत्यों पर पर्दा डालने के लिए बदले सीएम और मंत्री
चंडीगढ़, 21 मार्च। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का कोई भी प्रयोग सफल नहीं होगा। प्रदेश के लोग इनके साढ़े 9 साल के कुशासन से तंग आ चुके हैं और लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के चेहरे बदल कर भाजपा ने अपने कुशासन व कुकृत्यों पर पर्दा डालने की जो कोशिश की है, उसमें इन्हें रत्ती भर भी सफलता नहीं मिलने वाली।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा व जजपा का गठबंधन था तो एक बार भी किसी भी घोटाले की जांच को अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया, क्योंकि जनता की गाढ़ी कमाई को चूसने में ये दोनों बराबर के भागीदार रहे हैं। कुछ घोटालों की जांच शुरू की गई, लेकिन जब भी किसी बड़े नेता की भूमिका सामने आती तो जांच को किसी न किसी बहाने से तुरंत रोक दिया जाता। प्रदेश की जनता जान चुकी है कि भ्रष्टाचार व घोटालों में ये बराबर के हिस्सेदार थे। पूर्व केंद्रीय ने कहा कि अब आने वाले दिनों में भाजपा नेता साढ़े 4 साल के भ्रष्टाचार की गठरी पूरी तरह से जजपा के सिर पर रखते हुए नजर आ सकते हैं। खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए ये गठबंधन तोड़ने की वजह भ्रष्टाचार को बता सकते हैं। जबकि, इन्होंने प्रदेश के जनमत के विपरित आपसी हित साधने के लिए गठबंधन किया था, ताकि प्रदेश के लोगों के खून-पसीने की कमाई को ठगा जा सके।
कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल में फेरबदल से पता चलता है कि भाजपा हाईकमान के पास हरियाणा में इनकी राजनीतिक जमीन खिसकने की पूरी रिपोर्ट पहुंच चुकी थी। अपनी पार्टी की डगमगाती नैय्या को पार लगाने के लिए ही इन्होंने सरकार में बदलाव करने का आखिरी दांव खेला। लेकिन, इस दांव का प्रदेश भाजपा के अंदर ही जोर-शोर से विरोध होने लगा है। यही कारण है कि मंत्री बनने के प्रबल दावेदारों की जगह ऐसे चेहरों को शपथ दिलाई गई, जो डमी मोहरे ही बने रहेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्री पद पाने वाले भाजपा नेताओं को पता है कि यही उनकी पार्टी की सत्ता का आखिरी दौर है, इसलिए मंत्रिमंडल बनने के बाद उनमें मलाईदार महकमा हासिल करने की प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। इनका मकसद सत्ता से जाते-जाते अपना घर भरने का है, जनसेवा से इनका कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए ही मुख्यमंत्री अभी तक एक भी मंत्री को विभाग आवंटित नहीं कर पाए हैं, जबकि 5 कैबिनेट मंत्रियों ने उनके साथ ही शपथ ले ली थी। बाकी 8 मंत्री भी शपथ ग्रहण बनने के बाद अपने राजनीतिक आकाओं के मार्फत मनमाफिक महकमे के लिए दबाव बनाने में लगे हैं।