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डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब के पार्थिव शरीर को दी समाधि

हजारों श्रद्धालुओं ने किए अंतिम दर्शन, भारी पुलिस तैनात  
 
  डेरा जगमालवाली के संत वकील साहब के पार्थिव शरीर को दी समाधि 
 पड़ोसी राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने किए पुष्प अर्पित
सिरसा 2 अगस्त    (जगमालवाली) के डेरा मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम के गद्दीनशीन संत बहादुर चंद वकील साहब के पार्थिव शरीर को शुक्रवार समाधि दी गई। इस दौरान डेरा भूमणशाह के गद्दीनशीं संत ब्रह्म दास, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के अलावा समाजसेवी संस्थाओं के गणमान्य लोगों ने डेरा में पहुंचकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए । इस कार्यक्रम में संत वकील साहब के पारिवारिक सदस्यों ने पहुंचकर विधि विधान व रीति रिवाज के अनुसार समाधि की रस्म अदा की गई । डेरा में गद्दी को लेकर उत्पन्न हुए तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए जिला प्रशासन ने चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी। पुलिस अधीक्षक दीप्ति गर्ग ने सुरक्षा की कमान संभालते हुए पुलिस टुकड़ी के अलावा पैरामिलिट्री फोर्स के साथ निगरानी करती रही । संत वकील साहब के समाधि कार्यक्रम में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न न हो इसके लिए जगमालवाली को आने वाले सभी मार्गों पर वाहनों की आने-जाने पर रोक लगा दी जिसके कारण श्रद्धालुओं को अपने वाहन दूर दराज लावारिश खड़े करके पैदल डेरा में पहुंचना पड़ा । इस दौरान खास कर महिला श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा । समाधि कार्यक्रम में डेरा के दोनों पक्षों का विवाद उत्पन्न न हो इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए डेरा की मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों में वीरेंद्र ढिल्लों, नंदलाल ग्रोवर व शमशेर सिंह लहरीं सहित कई  प्रमुख सेवादारों को कार्यक्रम से दूर रखा गया । डेरा जगमालवाली आश्रम द्वारा गठित सच्चा सौदा रूहानी ट्रस्ट के चेयरमैन व डेरा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति को लेकर उपजा विवाद एक बार शांत हो गया है । प्रमुख सेवादारों में अमर सिंह बिश्नोई का कहना है कि डेरा के श्रद्धालु वीरेंद्र ढिल्लों को उत्तराधिकारी नहीं मानते क्योंकि वकील साहब ने उनके नाम की घोषणा सार्वजनिक तौर पर नहीं की है । 
    दूसरे पक्ष का कहना है कि वसीयत वकील  ने बिना किसी दबाव के लिखवाई है इसे सार्वजनिक करने के सवाल पर बोलते हुए कहा कि यह तो संतो की मर्जी रही है कि उन्होंने ऐसा क्यों नहीं किया । संत वकील साहब के पार्थिव शरीर की समाधि करवाई जाने के उपरांत दूर दराज से आई संगत ने भजन कीर्तन करते हुए गुरु मंत्र का जाप किया । समाधि कार्यक्रम संपन्न होने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ धीरे-धीरे कम होती गई लेकिन पुलिस की निगरानी अभी बरकरार है । इस मौके पर अजय सिंह चोटाला,पंजाब से राजा वडिंग,शिशपाल केहरवाला, कुलदीप गुदराना, बलकौर सिंह मौजूद थे। संत वकील साहब के देह त्याग के बाद आयोजित समाधि कार्यक्रम में सिख समाज से जुड़े संतों ने भी पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान संत गुरमीत सिंह तिलोकेवाला, संत गुरपाल सिंह चोरमार, काका सिंह मस्तुआना तलवंडी साबो, प्रीतम सिंह मलडी महंत  गुरजंट सिंह मौजूद रहे । पत्रकारों से बातचीत करते हुए संत गुरमीत सिंह तिलोकेवाले ने कहा कि डेरा के श्रद्धालु शांति और धैर्य से गुरु के बताए हुए नाम सिमरन का जाप करें । उन्होंने कहा कि सभी श्रद्धालुओं का फर्ज बनता है कि दिवंगत संतों की आत्मिक शांति के लिए किसी भी प्रकार के विवाद में ने पडक़र सत्कर्म करें । उन्होंने कहा कि डेरा में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न नहीं होने दिया जाएगा ।