अपने जीवन का हैड ईश्वर को बनाने से सारी हैडेक खत्म होगी: बीके पूनम

सिरसा, 09 सितंबर। जीवन में जितना हम मेरा-मेरा करते जाते हंै, उतना ही ज्यादा दुविधा में फंसते जाते है, परंतु अपने जीवन का हैड सच्चे दिल से ईश्वर को बनाने से जीवन की सारी जिम्मेदारी उनकी तो आपकी हैडेक खत्म हो जाएगी। उक्त विचार तनाव मुक्ति विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी पूनम बहन ने आनंद सरोवर में चल रहे नौ दिवसीय अलविदा तनाव शिविर के पांचवें सत्र में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमेंं कर्मक्षेत्र पर रहते हुए जिम्मेवारियां तो ईमानदारी से निभानी हैं परंतु परिणाम की सारी जिम्मेदारी परमात्मा को सौंप देनी है।
उन्होंने सुखी जीवन जीने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स बताते हुए कहा कि
1. स्वंय को प्यार करें। ऐसा समझें कि मेरा इस कर्मक्षेत्र पर महान किरदार है। खुद के अच्छे काम के लिए खुद की वाहवाही जरूर करें। खुद को हमेशा महान दृष्टि से देखें ।
2. दूसरों के लिए जीना सीखें। भारतीय संस्कृति में हमेशा दाताभाव को ऊपर रखा है। हमें भी ईमानदारी से दूसरों को सम्मान, सहयोग और प्यार देना है। जैसा हम दूसरों को देते है वही हमारे पास लौट करके आता है क्योंकि ये दुनिया गोल है। कर्मों का सिद्धांत भी है जैसा हम दूसरों के लिए करते हंै वैसा ही हमें प्राप्त होता है।
3. सदा ट्रस्टी बनकर जीवन जीएं। हमें हर दायित्व वफादारी से पूरा करना है परन्तु जिंदगी का हैड ईश्वर को बनाना है इससे हमारी सारी हैडैक खत्म हो जाएगी क्योंकि सांसारिक चीजों में बहुत ज्यादा मेरापन हमारे मन को बोझिल करता है। अब सारी हैडेक ईश्वर की है मेरी नहीं।
पूनम बहन ने सभा को स्प्रीच्युअल मंंत्र देकर इसका फायदे बताते हुए कहा कि - मैं इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर एक महान कलाकार हूं- ये चिंतन अगर हम निरंतर करते हैं तो हमारा वर्षों पुराना तनाव खत्म हो जाता है, मन की सुशुप्त शक्तियां जागृत होती हैं, मस्तिष्क के ब्लॉकेज खुलते है, मानसिक व शारीरिक बीमारियाँ तीव्रगति से ठीक होने लगती हैं, आत्मबल बढऩे लगता है और अनिद्रा जड़ से खत्म हो जाती है।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटरी 2025-26 भूपेश मेहता ने सत्र के अंत में अपने उद्बोधन में कहा कि आज हम खुद को समय नहीं दे रहे और दूसरी बात है कि कहीं न कहीं मन में ईष्र्या आ गई है। इसलिए तनाव आ गया है। परंतु इंदौर से आए पूनम दीदी के विचारों को जीवन में उतारेंगे तो जरूर हम तनावमुक्त हो ही जाएंगे। उन्होने कहा कि आज के बाद निश्चित रूप से आध्यात्मिकता के लिए समय निकालकर इन महान विचारों को अपने जीवन में उतारने का अवश्य प्रयत्न करेंगे।