महेंद्र हत्याकांड में तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों को उम्रकैद की सजा
Nov 7, 2024, 19:39 IST
सोनीपत, 7 नवंबर गन्नौर
गांव आहुलाना में 1998 में हुए पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह हत्याकांड के मामले में
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई
है। यह सजा 26 साल बाद दी गई है। आरोपित आनंद, युद्धवीर और राजकुमार को सोनीपत कोर्ट
ने 2002 में बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया। इन तीनों
आरोपितों ने महेंद्र सिंह की हत्या की थी, जिसका कारण पंचायत चुनाव की रंजिश था।
यह हत्याकांड
17 अक्टूबर 1998 को हुआ था,जब महेंद्र सिंह अपने चचेरे भाई देवेंद्र के साथ बाइक पर
खेत के रास्ते पर जा रहे थे। इस दौरान एस्टीम कार में सवार आरोपितों ने महेंद्र सिंह
को घेरकर गोली मार दी। इसके बाद बाइक पर सवार राजकुमार ने महेंद्र पर ताबड़तोड़ गोलियां
चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। महेंद्र
सिंह के भाई रमेश के अनुसार, महेंद्र और राजकुमार के बीच पंचायत चुनाव को लेकर विवाद
था, बाद में लोकसभा चुनाव के दौरान बिजेंद्र सिंह से भी उनकी कहासुनी हुई थी। हालांकि,
बाद में दोनों परिवारों में समझौता हो गया था। बावजूद इसके, आरोपितों ने पुरानी रंजिश
के चलते महेंद्र सिंह की हत्या कर दी। इस मामले में न्याय की प्रक्रिया 26 साल बाद
पूरी हुई, और आरोपितों को अंततः सजा मिली।
गांव आहुलाना में 1998 में हुए पूर्व सरपंच महेंद्र सिंह हत्याकांड के मामले में
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने तीन पूर्व सैन्य अधिकारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई
है। यह सजा 26 साल बाद दी गई है। आरोपित आनंद, युद्धवीर और राजकुमार को सोनीपत कोर्ट
ने 2002 में बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उस फैसले को रद्द कर दिया। इन तीनों
आरोपितों ने महेंद्र सिंह की हत्या की थी, जिसका कारण पंचायत चुनाव की रंजिश था।
यह हत्याकांड
17 अक्टूबर 1998 को हुआ था,जब महेंद्र सिंह अपने चचेरे भाई देवेंद्र के साथ बाइक पर
खेत के रास्ते पर जा रहे थे। इस दौरान एस्टीम कार में सवार आरोपितों ने महेंद्र सिंह
को घेरकर गोली मार दी। इसके बाद बाइक पर सवार राजकुमार ने महेंद्र पर ताबड़तोड़ गोलियां
चलाईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। महेंद्र
सिंह के भाई रमेश के अनुसार, महेंद्र और राजकुमार के बीच पंचायत चुनाव को लेकर विवाद
था, बाद में लोकसभा चुनाव के दौरान बिजेंद्र सिंह से भी उनकी कहासुनी हुई थी। हालांकि,
बाद में दोनों परिवारों में समझौता हो गया था। बावजूद इसके, आरोपितों ने पुरानी रंजिश
के चलते महेंद्र सिंह की हत्या कर दी। इस मामले में न्याय की प्रक्रिया 26 साल बाद
पूरी हुई, और आरोपितों को अंततः सजा मिली।